नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि मणिशंकर अय्यर का निलंबन कांग्रेस की राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। उन्होंने जनता से अपील की है कि वह सच को पहचाने। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ पहले मणिशंकर अय्यर की जातिगत टिप्पणी, फिर पार्टी की रटी रटाई माफी और साजिश के तहत उनका निलंबन, लोगों को सारे खेल को समझना चाहिए।
जेटली ने कहा कि कांग्रेस ने पीएम को नीच कहकर देश के निचले व कमजोर तबके को ललकारा है। उनका कहना था कि लोकतंत्र की ताकत तब दिखेगी जब उनके बीच का एक शालीन व्यक्ति राजनीतिक वंश को फिर से हराएगा। अय्यर का पीएम को नीच कहना दर्शाता है कि एक खास परिवार के लोगों को ही देश में शासन का अधिकार है, बाकी सारे नीच हैं। इस सोच का जनता करारा जवाब देगी।
निम्न स्तर की भाषा का प्रयोग करना कांग्रेस की संस्कृति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मणिशंकर अय्यर की अभद्र टिप्पणी को लेकर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। कहा कि निम्न स्तर की भाषा का प्रयोग करना कांग्रेस की संस्कृति रही है, उसके नेता अक्सर ऐसी भाषा का इस्तेमाल करते रहे हैं। उनके अनुसार, मोदी को पिछले चुनावों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी मौत का सौदागर तक बता चुकी हैं। कांग्रेस सत्ता पर अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझती है, लोकसभा चुनाव की हार को वह अब तक नहीं पचा पा रही है।
रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए उपरोक्त टिप्पणी की। कांग्रेस नेताओं को आड़े हाथ लेते हुए उनका कहना था कि प्रधानमंत्री के लिए इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल कर कांग्रेस ने अपनी मानसिकता उजागर की है, कांग्रेस गुजरात में बुरी तरह हारेगी। गुजरात की जनता अपने बेटे के अपमान का जवाब जरूर देगी। कानून मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता बार-बार प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते रहे हैं, यह उनकी संस्कृति बन गई है, गाली देकर माफी मांग लेना अब उनकी आदत बन गई है।
प्रसाद के अनुसार, यह वही मणिशंकर अय्यर हैं, जिन्होंने पूर्व में चायवाला कहकर मोदी का मजाक उड़ाया था। रविशंकर प्रसाद ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल पर राममंदिर निर्माण में बाधा डालने का आरोप लगाया। कहा कि सिब्बल अब सुन्नी वक्फ बोर्ड का वकील नहीं होने का दावा कर बचने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कानून मंत्री ने बाकायदा सबूत देते हुए कहा कि सिब्बल वक्फ बोर्ड की ओर से ही सुप्रीम कोर्ट में बहस कर रहे हैं तथा कांग्रेस नेतृत्व की सहमति से वह यह सब कर रहे हैं।