नई दिल्ली। आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने संसद भवन में एक सवाल का जवाब देते हुए पूरे देश में संचालित आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष) के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पूरे देश में इस समय आयुष्मान भारत योजना के तहत लगभग 12,121 आयुष स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एएचडब्ल्यूसी) चल रहे हैं। जिनका नाम बदलकर अब आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष) कर दिया गया है। उन्होंने बताया, “12,121 आयुष स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एएचडब्ल्यूसी) पूरे देश में काम कर रहे हैं। इन एएचडब्ल्यूसी में सबसे ज्यादा राजस्थान में चल रहे हैं।
मंत्री ने एक लिखित उत्तर में कहा, देश में मौजूदा आयुष औषधालयों और उप-स्वास्थ्य केंद्रों की कुल 12,500 इकाइयां हैं, जिन्हें केंद्र प्रायोजित राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) योजना के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के रूप में उन्नत करने की मंजूरी दी गई है।
इस समय राजस्थान में सबसे ज्यादा 2,019 आयुष्मान आरोग्य मंदिर कार्य कर रहे हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश में 1,034, मध्य प्रदेश 800, हिमाचल प्रदेश 740 और केरल 700 आयुष्मान आरोग्य मंदिर चल रहे हैं।
केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव में सबसे कम केवल एक-एक ही आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित है। इसके अलावा दिल्ली और लद्दाख में एक भी आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित नहीं है।
उन्होंने आगे बताया कि सबसे कम आयुष्मान आरोग्य मंदिरों वाले राज्यों में पुडुचेरी (4), अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (6) और लक्षद्वीप (7) शामिल हैं।
बता दें, कुछ दिन पहले आयुष मंत्रालय ने कहा था कि वह इस साल सितंबर तक 1,000 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएच) के तहत प्रवेश स्तर प्रमाणन प्रक्रिया शुरू कर रहा है। इसमे अब तक 750 आरोग्य मंदिरों को प्रमाणित किया जा चुका है।
स्वास्थ मंत्रालय के अनुसार एनएबीएच आयुष एंट्री लेवल सर्टिफिकेशन (एईएलसी) लॉन्च करने के लिए देश में सरकार के स्तर पर क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) के साथ साझेदारी की गई है।
यह इस साल जून से सितंबर तक देश भर में 10,000 चिकित्सा शिविरों का भी आयोजन कर रहा है। यह शिविर देश की बुजुर्ग आबादी की विशिष्ट स्वास्थ्य देखभाल संबंधी आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करेगा।
इसके साथ ही स्वास्थ राज्य मंत्री ने संसद में अपने लिखित जवाब में बताया कि विगत शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में देश में रिकार्ड 541 आयुर्वेद, 58 यूनानी, 17 सिद्ध और 277 होम्योपैथी कॉलेज या शैक्षणिक संस्थान स्थापित किए गए हैं। यह देश में 2014 के बाद सबसे बड़े कालेजों की स्थापना है।
2014 के बाद से स्नातक (यूजी) में 32,256, आयुर्वेद 32,256, (पीजी) पाठ्यक्रमों में 7,799 सीटों की संख्या में भी वृद्धि की गई है।