बर्लिन। यूरोप के सबसे ताकतवर देशों में से एक जर्मनी को लेकर चौंकाने वाली रिपोर्ट आई है। जर्मनी की खुद की एजेंसी ने नॉन अल्कोहलिक बीयर की खपत में पिछले 10 वर्षों में चौंकाने वाली वृद्धि होने की बात कही है। नई रिपोर्ट की मानें तो पिछले 10 वर्षों में नॉन अल्कोहलिक बीयर का प्रोडक्शन दोगुने से भी ज्यादा हो गया है। खपत बढ़ने के बाद बीयर के प्रोडक्शन में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है। इससे नॉन अल्कोहलिक बीयर मार्केट में भी बूम आया है। दूसरी तरफ, अल्कोहलिक बीयर में धड़ल्ले से बिक रही है। जर्मनी की फेडरल स्टैटिस्टिकल ऑफिस डेस्टेटिस ने बीयर के कंजप्शन को लेकर रिपोर्ट जारी की है। डिपार्टमेंट का कहना है कि नॉन अल्कोहलिक बीयर की बिक्री में वृद्धि को देखते हुए इसके प्रोडक्शन में दोगुने से भी ज्यादा का इजाफा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अल्कोहल का सेवन करने वाले अधिकांश लोगों का रुझान अब अल्कोहल फ्री वेरायटी की तरफ हो रहा है। इस वजह से नॉन अल्कोहलिक बीयर के उपभोग में दोगुनी वृद्धि दर्ज की गई है। बता दें कि यूरोपीय देशों में वाइन का प्रचलन ज्यादा रहता है।स्टैटिस्टिकल एजेंसी डेस्टेटिस की रिपोर्ट की मानें तो साल 2023 में जर्मनी के लोगों ने 556 मिलियन लीटर (556455532 लीटर) बीयर गटक गए। विशेषज्ञों ने बताया कि इस तरह जर्मनी में लोग रुपए 49386805500 मूल्य के नॉन अल्कोहलिक बीयर गटक गए। बता दें कि यह रिपोर्ट इंटरनेशनल बीयर डे (2 अगस्त) से कुछ दिनों पहले ही रिलीज किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि लो अल्कोहल बीयर (जैसे रेडलर, लेमोनेड आदि) का प्रोडक्शन भी साल 2013 के मुकाबले साल 2023 में 36 करोड़ लीटर को क्रॉस कर गया है। जर्मनी की फेडरल एजेंसी की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि नॉन अल्कोहलिक बीयर की खपत में वृद्धि का यह मतलब नहीं है कि अल्कोहलिक बीयर के प्रोडक्शन और उसके उपभोग पर कोई असर पड़ा है। जर्मनी में अभी भी इस कैटेगरी के बीयर का उत्पादन नॉन अल्कोहलिक बीयर के मुकाबले ज्यदा हो रहा है।