नई दिल्ली। येरुशलम को राजधानी की मान्यता मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने मांग की है कि भारतीय दूतावास को भी यरुशलम में शिफ्ट कर देना चाहिए। फिलहाल भारत का दूतावास तेल अवीव में है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यरुशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता दे दी है। इसके बाद से ही दुनियाभर के अलग-अलग देशों में इसपर चर्चा शुरू हो गई है। इस बीच स्वामी ने भी मांग की है कि भारतीय दूतावास को भी तेलअवीव से यरुशलम में शिफ्ट कर दिया जाए।
स्वामी ने ट्वीट किया है कि दुनिया मानती है कि यरुशलम का एक हिस्सा इजरायल का क्षेत्र है। इसलिए भारत को अपने दूतावास को शहर के इस हिस्से में स्थानांतरित करना चाहिए। स्वामी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने येरूशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता दे दी है।
ट्रंप ने एलान करते हुए कहा कि पिछले राष्ट्रपतियों ने सिर्फ इस मुद्दे पर वायदा किया और कैंपेन किया, मैं इस वादे को पूरा कर रहा हूं। वहीं ट्रंप ने अमेरिकी अधिकारियों को दूतावास को तेल अवीव से शिफ्ट कर येरूशलम लाने के आदेश जारी कर दिए हैं। इजरायल के राष्ट्रपति नेतन्याहू ने अमेरिका के इस फैसले का तहेदिल से स्वागत किया है।
अमेरिका पर हमले की धमकी
बताते चलें कि ट्रंप के इस एलान के बाद कई जगह धरना प्रदर्शन किए गए। वहीं फिलीस्तीन इस्लामिस्ट ग्रुप हमस ग्रुप ने अमेरिका के इस फैसले का इजरायल में विरोध किया। दूसरी तरफ अल-कायदा और ISIS ने इस फैसले के बाद अमेरिका पर हमले की धमकी दी है।
विवादित है इलाका
भूमध्य और मृत सागर से घिरे यरुशलम को यहूदी, मुस्लिम और ईसाई तीनों ही धर्म के लोग पवित्र मानते हैं। हालांकि, यह इलाका लंबे समय से विवादित रहा है और इस इलाके पर कब्जे को लेकर कई बार लड़ाई हो चुकी है। यहां स्थित टेंपल माउंट जहां यहूदियों का सबसे पवित्र स्थल है, वहीं अल-अक्सा मस्जिद मुस्लिमों के लिए बेहद पाक है। कुछ ईसाइयों की मान्यता है कि यरुशलम में ही ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। यहां स्थित सपुखर चर्च को ईसाई बहुत ही पवित्र मानते हैं।