बजट स्मार्टफोन सेगमेंट इन दिनों काफी गरमागरम है। अच्छा फोन लेने के लिए बटुआ खाली करने की जरूरत अब नहीं पड़ती। कम कीमत में कई ऐसे स्मार्टफोन्स आ रहे हैं जो आपके बजट में भी फिट हैं और स्पेसिफिकेशन्स भी जबरदस्त दे रहे हैं। लेकिन, कम कीमत में ज्यादा पाने की कोशिश में कहीं आप धोखा न खा जाएं। बजट स्मार्टफोन्स खरीदते वक्त याद रखें ये 5 बातें…
हाई-एंड स्मार्टफोन्स से तुलना न करें
अधिकतर बजट स्मार्टफोन यूजर्स सोचते हैं कि एक सस्ता स्मार्टफोन दोगुनी कीमत वाले हाई-एंड स्मार्टपोन्स से थोड़ा-सा ही कम पावरफुल होता है। इससे उम्मीदें बढ़ती हैं, शिकायतें पैदा होती हैं और परफॉर्मेंस से निराशा होती है। श्याओमी रेडमी नोट और यूरेका जैसे कुछ फोन्स हाई-एंड डिवाइसेज के काफी करीब पहुंच गए हैं, लेकिन बाकी बजट स्मार्टफोन्स इन हाई-एंड डिवाइसेज के करीब भी नहीं पहुंच सके हैं। ये बजट स्मार्टफोन्स हैं। याद रखें, कि इनमें आपको स्क्रीन रिजॉल्यूशन, प्रोसेसर टाइप और स्पीड, रैम, कैमरा क्वॉलिटी, बिल्ड क्वॉलिटी और बैटरी लाइफ जैसी कई चीजों पर कॉम्प्रोमाइज करना होगा।
फीचर्स ठीक से चेक करें
आपको सस्ता स्मार्टफोन बेचने के लिए मैन्युफैक्चरर्स फोन में से कई ऐसे फीचर्स हटा देते हैं जो आप खरीदते वक्त नोटिस भी नहीं करते। इस तरह 4जीबी इंटरनल स्टोरेज में से सिर्फ 2 जीबी ही आप इस्तेमाल कर पाते हैं। फोन की 4.7 इंची स्क्रीन का रिजॉल्यूशन सिर्फ 800गुणा480 पिक्सल हो सकता है। कनेक्टिविटी के मामले में हो सकता है कि फोन से वाईफाई डायरेक्ट, एनएफसी और नया ब्लूटूथ 4.0 हटा दिये गए हों। पेमेंट से पहले चेक करें कि सभी फीचर्स हैं या नहीं। जैसे, कैमरे में ऑटोफोकस की कमी से फोटो क्लिक करते समय आपको दिक्कत आ सकती है।
हार्डवेयर पर फोकस
स्मार्टफोन चुनते वक्त हार्डवेयर स्पेसिफिकेशन्स को ठीक से चेक करना जरूरी है। जरूरी नहीं है कि यह बजट फोन है तो एंट्री-लेवल हार्डवेयर पर ही काम करेगा। प्रोसेसर चेक करें (अब आसानी से ऑक्टा कोर उपलब्ध हैं), रैम चेक करें (जितनी ज्यादा हो उतना अच्छा) और अवेलेबल स्टोरेज चेक करें (एक्सपैंडेबल स्टोरेज हमेशा देखनी चाहिए)। इसके अलावा डिस्प्ले साइज ऑर रिजॉल्यूशन, कनेक्टिविटी ऑप्शन्स, बैटरी कपैसिटी आदि दूसरी चीजें हैं जिनपर ध्यान देना जरूरी है। इसके अलावा सुनिश्चित करें कि आप फोन खरीदने से पहले एक डेमो फोन में उसकी बिल्ड क्वॉलिटी, बटन प्लेसमेंट और पोर्ट्स देख लें।
ऑपरेटिंग सिस्टम्स वर्शन चेक करें
पुराने ऐंड्रॉयड, विंडोज और ब्लैकबेरी वर्शन चलाने वाले फोन्स भी मौजूद हैं। आप पक्का करें कि आपने फोन लेने का फैसला लेने से पहले ऑपरेटिंग सिस्टम पर नजर डाल ली है। आप नहीं चाहेंगे कि आप एक ऐसे डिवाइस पर अटक जाएं जो ऑपरेटिंग सिस्टम का पुराना वर्शन चलाता हो और नया अपडेट आने के बारे में कोई खबर ही न हो। ध्यान रखें कि अलग-अलग ऑपरेटिंग सिस्टम्स के लिए अलग-अलग हार्डवेयर की जरूरत होती है। जैसे ऐंड्रॉयड के लेटेस्ट वर्शन्स के मुकाबले विंडोज ओएस के लेटेस्ट वर्शन्स के लिए कम प्रोसेसर स्पीड और रैम चाहिए होती है। यह भी देखें कि कितनी थर्ड पार्टी ऐप्स प्री-इन्स्टॉल्ड हैं और क्या इन्हें हटाने से फोन की परफॉर्मेंस पर कोई फर्क पड़ेगा?
आफ्टर सेल्स सपोर्ट
अधिकतर स्मार्टफोन्स एक साल की वॉरंटी के साथ आते हैं। हालांकि, अगर सर्विस सेंटर नजदीक न हो तो इस वॉरंटी का कोई फायदा नहीं। कम्पनी की वेबसाइट पर नजदीकी सर्विस सेंटर्स ढूंढें। अलग-अलग फोरम्स से वेरिफाई करें कि कम्पनी की सपोर्ट रेप्युटेशन कैसी है। अधिकतर कम्पनियों में स्मार्टफोन्स के स्पेयर पार्ट्स न मिलने की समस्या आती है।