समर विकेशन अच्छा मौका है, बच्चों को कुछ नया सिखाने का क्यों न बच्चों को नॉन फायर कुकिंग जैसा कुछ सिखाया जाये….
समर विकेशन में अधिसंख्य अभिभावकों की ख्वाहिश होती है कि वे बच्चों को इन छुट्टियों में कुछ नया सिखाएं। जिससे मनोरंजन के साथ वे व्यस्त रहें। छोटे बच्चों के लिए एक्स्ट्रा एक्टिविटीज में नॉन फायर कुकिंग बेहतर विकल्प हो सकता है।
एक्टिव होंगे बच्चे
रतनलाल नगर में कुक एंड बेक नाम से कुकरी क्लास चलाने वाली पूजा सचान, नेहा सिंह और मीनाक्षी पटेल इन दिनों छोटे बच्चों को नॉन फायर कुकिंग की टिप्स दे रही हैं। नेहा कहती हैं, पढ़ाई से इतर समर विकेशन में छोटे बच्चों को सिखाने के ढेरों ऐसे विकल्प हैं, जिन्हें मां या दीदी उन्हें आसानी से घर पर ही बिना गैस चूल्हे या किसी बड़ी मशक्कत के बनाना सिखा सकती हैं। इससे उनमें खुद से कुछ करने का भाव जाग्रत होगा। वे खेलखेल में सैंडविच, ब्रेड के दही बड़े, लस्सी, शर्बत आदि आसानी से बनाना सीख जाएंगे। यह चीजें बड़ों के लिए आसान हैं लेकिन किशोरों के लिए बड़ी उपलब्धि और एक्टिव होने का माध्यम।
कुकिंग का पहला चैप्टर
पूजा सचान बताती हैं, किचन का पहला चैप्टर तो नॉन फायर कुकिंग से ही शुरू होता है। दस-बारह साल तक के बच्चों को चूल्हे पर बनने वाली चीजों से दूर ही रखना चाहिए। बच्चों को सबसे पहले शर्बत, मॉकटेल, जैम ब्रेड, सलाद आदि चीजें कैसे तैयार की जाती हैं या इन्हें सर्व करने का ढंग क्या होता है, यह बताना चाहिए। बेटियों को तो खाना बनाने में परफेक्ट होना ही चाहिए, बेटों को भी यह सब सिखाएं। जिससे कभी खुद से लंच बॉक्स तैयार करना हो तो वे आसानी से कर सकें। ऐसा करने के लिए प्रेरित करेंगी तो उनमें जिम्मेदारी की आदत विकसित होगी और वे छोटी-छोटी चीजों में आपका हाथ भी बटाएंगे। कुकिंग में कुछ सीखने के लिए सबसे पहले इन छोटी-छोटी चीजों को बनाना ही सिखाना चाहिए।
बच्चे खाएं और आप भी मीनाक्षी पटेल बताती हैं, इन दिनों मौसमी फलों में तरबूज, पपीता, खरबूजा, आम आदि आ रहे हैं। मांओं को चाहिए कि वे जब भी फ्रूट चाट, शेक या स्प्राउट चाट बनाएं, बच्चों को भी अपने साथ बिजी करें। इससे वे इन्हें आसानी से बनाना सीख जाएंगे।जब बच्चे इन्हें बनाकर तैयार करेंगे और आप उनकी तारीफ करेंगी तो उनका मनोबल बढ़ेगा। फिर जब घर पर इनका एक साथ बैठकर मजा लिया जाएगा तो खुशनुमा माहौल बनेगा और परिवार के साथ समर विकेशन का आनंद भी मिलेगा।
बच्चे बन रहे किचन मास्टर
चुन्नीगंज की डॉ. गुलशगुफ्ता बताती हैं, समर विकेशन चल रहे हैं, इसलिए फ्री होने पर बच्चों को अधिक से अधिक टाइम देने की कोशिश करती हूं। जब बच्चों को घर में कोई चीज सिखाई जाती है तो वे जल्दी सीखते हैं। मेरे बच्चे छोटे हैं, इसलिए उन्हें किचन के कामों से दूर रखती हूं लेकिन घर में आइसक्रीम, कुल्फी, शेक, मॉकटेल आदि जब भी बनाती हूं तो उन्हें भी बताती हूं। जिससे उनमें खुद से कुछ करने का जज्बा जगे। जब वे खुद से कुछ तैयार करते हैं तो उन्हें उसका स्वाद और अधिक अच्छा लगता है। किचन में भी जब कुछ बनाती हूं तो उन्हें साथ रखती हूं, जिससे वे कौन सी डिश कैसे बनती है, यह समझ सकें।