गुरूग्राम: ‘एफआईए ग्लोबल फाइनैंशियल इंक्लुशन सर्विसेज’ ने 10 करोड़ ग्राहकों का आंकड़ा पार कर लिया है। इनमें अलग-अलग ग्राहकों के अलावा सूक्ष्म उद्यम भी शामिल हैं। कुल ग्राहकों में एक करोड़ से ज्यादा महिलाएं हैं और 20 लाख से ज्यादा ने जनधन योजना और अटल पेंशन योजना जैसे सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में पंजीकरण कराया है। एफआईए ग्लोबल कमज़ोर आय वर्ग के लोगों के लिए डिजिटल भुगतान, ऋण और संग्रह, बीमा और वेल्थ मैनेजमेंट जैसी सेवाएं प्रदान करता है। इसने स्वदेश में विकसित बी2बी डिजिटल एप ‘फिनवेस्टा’ और भारत के 747 देशों में बैंकिंग प्रतिनिधियों के माध्यम से संभाले जाने वाले 45 हजार बैंक आउटलेट्स के नेटवर्क के जरिए स्वयं सहायता समूहों को पंजीकृत किया है।
एफआईए ग्लोबल राष्ट्रीयकृत बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों जैसे वित्तीय संस्थानों के साथ मिलकर उप नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे-छोटे वित्तीय उत्पाद उपलब्ध कराता है। वित्तीय उत्पादों को ग्राहकों की जरूरतों के अनुसार फिर तैयार किया जाता है, जिससे उन्हें निवेश का प्रोत्साहन मिले और वे स्वयं को वित्तीय रूप से मजबूत बना सकें।
एफआईए ग्लोबल ने ‘फिनटैप’ नाम का बीटूसी डिजिटल ऐप भी विकसित किया है। इसमें बड़े पैमाने पर वित्ततीय उत्पादों को इकट्ठा करने, पुनः तैयार करने, इनकी सिफारिशों और वितरण के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, चेहरे की पहचान और नेचरल लैंग्वेंज प्रोसेसिंग जैसी तकनीकों का प्रयोग किया जाता है। कम साक्षरता वाले स्थानों पर ऐप में यूजर इंटरफेस और प्रयोग में आसानी के लिए आइकन्स का प्रयोग किया जाता है। ऐप के माध्यम से संचालनों का एक ही स्थान स केंद्रीय प्रबंधन और धोखाधड़ी की पहचान करना संभव है। फिनटैप को कम इंटरनेट कनेक्टिविटी की स्थिति में काम करने के लिए तैयार किया गया है।
एफआईए ग्लोबल ने 14 हजार करोड़ रुपये से अधिक रकम बैंक खातों तक पहुंचाने में योगदान दिया है और प्रतिदिन 155 करोड़ रुपये के लेनदेन मूल्य को पार कर लिया है। इसके ग्राहक 45 हजार गांवों और 4600 नगरों में फैले हुए हैं।
एफआईए ग्लोबल की को-फाउंडर और सीईओ सीमा प्रेम ने कहा, “हमें प्रसन्नता है कि हम 10 करोड़ लोगों और सूक्ष्म उद्यमों को बैंकिंग प्रणाली में लाए हैं और उन्हें ऋण के महंगे स्रोतों से दूर किया है। हमारा उद्देश्य नगद के डिजिटलीकरण से आगे जाना और आय पैदा करने के अवसर उपलब्ध कराकर स्थायी वित्तीय कल्याण करना है।”