सिओल। अमेरिका और दक्षिण कोरिया की वायु सेनाओं ने सोमवार से अपना सबसे बड़ा संयुक्त अभ्यास शुरू कर दिया। “विजिलेंट ऐस” नामक इस अभ्यास में दोनों देशों के अत्याधुनिक 230 लड़ाकू विमान हिस्सा ले रहे हैं। इनमें 24 स्टील्थ लड़ाकू विमान शामिल हैं। यह अभ्यास उत्तर कोरिया के लंबी दूरी के सफल बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के छह दिन बाद हो रहा है।
उत्तर कोरिया ने इस अभ्यास को परमाणु युद्ध भड़काने का प्रयास बताया है। आठ दिसंबर तक चलने वाले इस संयुक्त अभ्यास में अमेरिका का पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान एफ-22 रैप्टर भी हिस्सा लेगा। यह अत्याधुनिक विमान अमेरिका ने किसी अन्य देश को दिए बगैर ही उसका उत्पादन बंद कर दिया है। यह स्टील्थ विमान है जो किसी भी रडार की पकड़ में नहीं आता है।
इस अभ्यास में करीब 12 हजार सैनिक हिस्सा ले रहे हैं, नौसेना भी इसमें सीमित भूमिका निभा रही है। इस संयुक्त अभ्यास का महत्व इसलिए भी बढ़ गया है कि 28 नवंबर को किए बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के बाद उत्तर कोरिया ने दावा किया था कि सभी अमेरिकी शहरों पर अब वह परमाणु हमला करने में सक्षम है।
युद्ध के करीब पहुंच रहे अमेरिका, उ.कोरिया तनाव बढ़ने के साथ ही अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के प्रभावशाली सिनेटर लिंडसे ग्राहम ने चेताया है कि देश उत्तर कोरिया के साथ खतरनाक युद्ध के करीब पहुंचता जा रहा है। लिंडसे का अमेरिकी विदेश नीति में प्रभावशाली दखल रहता है।
ग्राहम ने कहा, “बैलिस्टिक मिसाइल और परमाणु हथियार के लगातार परीक्षण साबित करते हैं कि प्रतिबंधित देश तकनीक मामले में सुधार करता जा रहा है। ऐसे में हमारे पास ज्यादा विकल्प नहीं बचते हैं।” ट्रंप चाहते हैं परमाणु युद्ध होः उ. कोरियाउधर उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा है कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया ऐसी स्थितियां बना रहे हैं कि किसी भी समय परमाणु युद्घ भड़क सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि परमाणु युद्ध हो।