नई दिल्ली। देश के 50 फीसद से भी अधिक किशोर-किशोरियों का मानना है कि सिगरेट पीने से तनाव दूर होता है। इसके साथ ही स्मोकिंग करने से दोस्तों के बीच उनकी ‘कूल’ इमेज बनती है। यह बाद देश के 6 राज्यों में 1,900 स्कूली छात्रों पर किए गए सर्वे में सामने आई है। सर्वे में 75 फीसद बच्चों ने कहा कि जब कभी उनके दोस्त उनकी तरफ सिगरेट बढ़ाते हैं, तो उन्हें मना करना मुश्किल हो जाता है।
इस दौरान एक चौंकाने वाली बात सामने आई। करीब 46 युवाओं ने कहा कि दोस्तों के बीच कूल दिखने के लिए उन्होंने स्मोकिंग शुरू की है। वहीं, 52 फीसद से अधिक किशोर-किशोरियों का मानना है कि धूम्रपान से एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है। 90 फीसद युवाओं का मानना था कि अगर उनके माता-पिता ने रोकटोक नहीं की, तो वे धूम्रपान जारी रखेंगे।
फोर्टिस अस्पताल के सायकायट्री डिपार्टमेंट के डॉक्टर समीर पारिख ने कहा कि युवाओं की स्मोकिंग की आदत और स्मोकिंग को लेकर उनकी धारणा को समझने के लिए उन्होंने यह सर्वेक्षण करवाया। सर्वे में 80 फीसद से ज्यादा किशोर-किशोरियों का कहना था कि कम से कम एक बार धूम्रपान करने में कोई बुराई नहीं है।
इसमें 87 फीसदी स्कूली बच्चों का मानना है कि फिल्म अभिनेताओं को स्मोकिंग करते हुए देखने से सिगरेट पीने को बढ़ावा मिलता है। सर्वे में 89 फीसद बच्चों ने कहा कि जब स्मोकिंग करना उनके पापा के लिए ठीक है, तो उनके लिए भी ठीक ही होगा। सर्वे में शामिल 60 फीसद से ज्यादा युवाओं का मानना है कि स्मोकिंग के हानिकारक प्रभावों के बारे में चेतावनी दिखाने से इसकी रोकथाम में मदद मिल सकती है।
हर साल 70 लाख लोगों की मौत
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, सिगरेट पीने के कारण हर साल 70 लाख लोगों की मौत होती है। द लेंसेट पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, दुनियाभर में 2015 में हुई 64 लाख मौतों में स्मोकिंग के कारण 11 फीसद मौतें हुईं। चीन, भारत, रूस और अमेरिका में 52.2 फीसद मौतें का कारण सिगरेट पीना था।