लखनऊ। यूपी नगर निकाय चुनावों के लिए मतगणना शुरू हो चुकी है। शुरुआती रुझानों में मेयर पदों पर भाजपा ने बढ़त बना ली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृहनगर गोरखपुर में भाजपा आगे है वहीं लखनऊ में भी भाजपा ने बढ़त बना रखी है।
बता दें कि लखनऊ सहित 16 नगर निगम, 198 नगर पालिका परिषद और 438 नगर पंचायतों में तीन चरणों में हुए चुनाव की मतगणना हो रही है। इन चुनावों में कुल 79,113 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे जिनके भविष्य का फैसला आज हो जाएगा। मतगणना सभी 75 जिलों के 334 केंद्रों पर हो रही है। तीन चरणों में हुए वोटिंग में कुल 52.50 फीसदी मतदान हुआ था। वहीं तीसरे और अंतिम चरण में 26 जिलों में करीब 53 फीसद मतदान हुआ।
मतगणना के सभी केंद्रों पर सुरक्षा के भारी इतजाम किए गए हैं। सुबह आठ बजे से शुरू होगी और अंतिम मत की गिनती तक जारी रहेगी। किसी को भी मतगणना स्थल पर मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नही होगी। शांति व्यवस्था एवं सुरक्षा की जिम्मेदारी सीओ स्तर के अधिकारी की होगी। मतगणना स्थल पर प्रत्याशी, उसके एजेंट या गणना एजेंट को ही प्रवेश मिलेगा। इसके लिए प्रशासन ने उन्हें प्रवेश पत्र जारी किया है। मंत्री, सांसद, विधायक मतगणना स्थल पर नही जा सकेगे।
नगर निगम के पिछले चुनाव में भले ही भाजपा के दस महापौर जीतने में कामयाब रहे थे, लेकिन किसी भी निगम सदन (बोर्ड) में बहुमत नहीं मिला था। वर्ष 2012 में हुए चुनाव के नतीजे देखने से साफ है कि सूबे के 12 नगर निगमों में से कहीं भी महापौर की पार्टी के उतने पार्षद नहीं जीते थे जिससे निगम सदन में पार्टी का बहुमत हो सके।
स्थिति यह रही कि महापौर तो भाजपा के दस जीते, लेकिन 980 पार्षदों में उसके एक-तिहाई से भी कम 321 पार्षद ही विजयी हुए थे। जहां समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी समर्थित निर्दलीय महापौर जीते थे वहां भी दल विशेष के निर्दल पार्षदों का बहुमत नहीं था। विदित हो कि पिछली बार सपा-बसपा सीधे तौर पर चुनाव मैदान में नहीं थी लेकिन, बड़ी संख्या में पार्टी समर्थित निर्दल पार्षद लड़े व जीते थे। ऐसे में किसी भी निगम के महापौर के लिए पांच वर्ष सदन चलाना आसान नहीं रहा।