माले। भारत और मालदीव के तल्ख होते रिश्तों के बीच एक भारतीय सैन्य दस्ता लौट आया है। हालांकि वहां मौजूद हेलीकाप्टर को संचालित करने के लिए 26 भारतीय नागरिकों का एक दल पहले ही वहां पहुंच चुका है। हालांकि, अभी तक भारत सरकार ने पहले भारतीय सैन्य दस्ते की वापसी संबंधी कोई पुष्टि नहीं की है।
मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स (एमएनडीएफ) के मीडिया अधिकारी ने एक समाचार पोर्टल को बताया कि अड्डू सिटी में तैनात भारतीय सैनिक भारत लौट चुके हैं। इससे पहले उनका स्थान लेने के लिए उतने ही संख्या बल में भारतीय नागरिकों को भेजा गया है, जो वहां तैनात हेलीकाप्टर के अभियानों को पूरा करेंगे। फिलहाल भारतीय रक्षा मंत्रालय ने अब तक मालदीव से भारतीय सैनिक दस्ते की वापसी की कोई पुष्टि नहीं की है।
26 भारतीय नागरिकों का पहला जत्था 26 फरवरी को ही माले पहुंचा था, अब भारतीय सैन्य अफसरों की जगह लेगा और अड्डू में हेलीकाप्टर को आपरेट करेगा। भारत ने इस जत्थे के साथ एक नया हेलीकाप्टर भी भेजा है और पुराने हेलीकाप्टर को वापस मंगा लिया है, जिसकी सर्विसिंग होनी है। इस हेलीकाप्टर को ले जाने वाला भारतीय जहाज 29 फरवरी को अड्डू पहुंचा था। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन के प्रबल समर्थक हैं और पदभार ग्रहण करने के साथ ही उन्होंने भारत विरोधी सुर छेड़ दिए हैं। लिहाजा, उन्होंने कहा था कि वह अपने देश में एक भी भारतीय सैन्य अफसर को नहीं रहने देंगे। यहां तक कि नागरिक वेशभूषा वालों को भी वह दस मई के बाद मालदीव के अंदर रहने नहीं देंगे। मुइज्जू ने पिछले साल ही सत्ता में आने के बाद भारत विरोधी रुख अख्तियार करते हुए कहा था कि वह सभी 90 भारतीय सैनिकों को मालदीव से लौटा देंगे।
ध्यान रहे कि मुइज्जू सरकार ने माले में एक अत्याधुनिक चीनी शोध जहाज को खड़ा कर दिया है। ऐसा एमएनडीएफ ने चीनी सेना से किए समझौते के तहत किया है। इसी समझौते के तहत चीन मालदीव को मुफ्त में गैर घातक हथियार देगा।