एक बच्चे ने मुझसे पूछा कि नेल्सन मंडेला की मृत्यु कैसे हो गई और वो कौन थे? मैंने उत्तर दिया कि जहां तक मृत्यु का संबंध है वह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। जो पैदा हुआ है उसकी मृत्यु भी अवश्य होगी। और जहां तक नेल्सन मंडेला की मृत्यु की बात है वो 95 वर्ष के हो गए थे और इस अवस्था में उनकी मृत्यु को भी स्वाभाविक ही कहा जा सकता है। कितने लोग हैं जो इस उम्र तक भी पहुंच पाते हैं? इसके बाद उनके जीवन और संघर्ष पर चर्चा हुई।
दक्षिण अफ्रीका को रंगभेद से मुक्ति दिलाने वाले नेल्सन मंडेला अपने देश के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने लेकिन इसके लिए उन्हें अपने जीवन के सत्ताइस साल जेल में व्यतीत करने पड़े। इस दीर्घावधि के जेल-जीवन के परिणामस्वरूप उनका स्वास्थ्य जर्जर हो गया और कई घातक व्याधियों से भी पीड़ित हो गए। बच्चे ने एक प्रश्न और पूछा और वो ये जब नेल्सन मंडेला का स्वास्थ्य इतना अधिक खराब हो गया था तो वे 95 वर्ष तक कैसे जीवित रहे? बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न है। वास्तव में हमारे अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु का क्या राज है?
नेल्सन मंडेला एक अत्यंत लोकप्रिय जननायक थे। उनके समक्ष एक निश्चित उद्देश्य था जिसके लिए उन्होंने संघर्ष किया और सफलता पाई। इसी संघर्ष और सफलता में छिपा है उनकी दीर्घायु का राज। प्रायः देखा गया है कि जब किसी व्यक्ति के जीवन में कोई विजन, कोई मकसद और उसे हासिल करने का दृढ़ संकल्प नहीं होता तो वह संघर्ष करना भी छोड़ देता है। यदि जीवन में संघर्ष नहीं होगा तो कोई प्राप्ति भी नहीं होगी और खुशी भी नहीं मिलेगी। खुशी अथवा आनंद के अभाव में, चाहे वह व्यक्त हो अथवा अव्यक्त, व्यक्ति के शरीर में उन लाभदायक हार्मोंस का उत्सर्जन नहीं होता जो उसे रोगावरोधक शक्ति, अच्छा स्वास्थ्य व तद्जन्य दीर्घायु प्रदान करने में सक्षम होते हैं।
इसीलिए नौकरी से रिटायर होने के बाद जिन लोगों के पास न तो करने को कोई काम होता है और न जिनके जीवन में कोई विजन, कोई मकसद ही होता है वो अपेक्षाकृत शीघ्र कालकवलित हो जाते हैं। अपना व्यवसाय या उद्योग चलाने वाले अथवा समाजसेवा, राजनीति, साहित्य, संस्कृति व कला के क्षेत्र में संलग्न व्यक्ति आम तौर पर न तो जल्दी रिटायर ही होते हैं और न जल्दी बूढ़े ही होते हैं। ऐसे व्यक्ति न केवल अपेक्षाकृत स्वस्थ रहते हैं अपितु दीर्घायु भी पाते हैं।
जब हम लोगों की अपेक्षाओं पर खरे उतरते हैं तो उन सब का सहयोग भी अवश्य ही मिलता है। यह सहयोग उत्साह प्रदान करता है और सफलता में सहायक होता है। सफलता से खुशी मिलती है और खुशी की अवस्था में शरीर में ऐसे लाभदायक हार्मोंस निकलते हैं जो रोगावरोधक शक्ति का विकास कर हमें दीर्घावधि तक स्वस्थ व रोगमुक्त बनाए रखते हैं। यह नेल्सन मंडेला के संघर्ष, दृढ़ संकल्प, आशावादिता व नायकत्व का ही प्रभाव था कि वो जर्जर स्वास्थ्य के बावजूद उम्र के मामले में बाजी मार ले गए।