तोक्यो। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि भारत और जापान के लिए राष्ट्रीय स्तर के साथ ही एशिया और दुनिया के लिए कई समाधान मिलकर की जाने वाली उनकी गतिविधियों विशेषकर चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद ‘क्वाड’ में उनकी भागीदारी पर निर्भर करते हैं।
यहां भारत-जापान साझेदारी पर ‘निक्की फोरम’ को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि अधिक समन्वित तरीके से प्रतिक्रिया देने की भारत और जापान की प्रवृत्ति तथा क्षमता में भी सुधार आया है। उन्होंने कहा, ”और मैं कल अपने समकक्ष योको कामीकावा के साथ लंबी चर्चा के बाद यह कहता हूं। हम वृहद पैमाने पर भागीदारी के लिए तैयार हैं।”
उन्होंने कहा, ”मेरा तर्क यह है कि भारत-जापान संबंध हमारी एक साथ मिलकर की जाने वाली वृहद गतिविधियों, खासकर क्वाड से ताकत हासिल करेंगे, साथ ही इसकी प्रभावशीलता और व्यापकता में भी योगदान देंगे।
जयशंकर ने कहा, ”लब्बोलुआब यह है कि दुनिया बदल रही है, हिंद-प्रशांत बदल रहा है और भारत तथा जापान बदल रहे हैं लेकिन हमारे संबंधों में, हमारे लिए राष्ट्रीय स्तर के साथ ही इस क्षेत्र और दुनिया के लिए कई समाधान इस पर निर्भर करते हैं।”
भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया वाला क्वाड समूह इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य ताकत की पृष्ठभूमि में खुले व मुक्त हिंद-प्रशांत के लिए व्यवहारिक सहयोग पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
यह पूछने पर कि क्या ऊर्जा के जरिए जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए क्वाड रूपरेखा के तहत कोई परमाणु रणनीतिक योजना है, इस पर जयशंकर ने कहा, ”क्वाड ने ऊर्जा और प्रौद्योगिकी के मुद्दों पर चर्चा की है लेकिन हमने परमाणु ऊर्जा पर स्पष्ट रूप से समन्वित चर्चा नहीं की है।”
उन्होंने कहा, ”अगर आप क्वाड देशों की ओर देखें तो हम में से तीन देशों – जापान, अमेरिका और भारत के पास बहुत महत्वपूर्ण परमाणु कार्यक्रम हैं…ऑस्ट्रेलिया बहुत बड़ा यूरेनियम प्रदाता है। इसलिए हमारा इसमें एक साझा हित है।”
विदेश मंत्री ने कहा, ”लेकिन, आप जानते हैं कि क्वाड के मामले में मैंने 2017 के बाद से देखा है कि हम बहुत, बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, हर क्वाड बैठक में जब विदेश मंत्रियों की मुलाकात होती है तो अधिक से अधिक मुद्दों पर चर्चा होती है। इसलिए हो सकता है कि अगली बार जब हम बात करें तो मेरा जवाब अभी के जवाब से अलग हो।”