श्रीनगर। कश्मीर में मुफ्ती सरकार पत्थरबाजों को लेकर नर्म रुख अपना रही है। राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आदेश दिया है कि 4327 पत्थरबाजों के खिलाफ दर्ज केस वापिस लिए जाएं। खबरों के अनुसार राज्य में आतंकियों के लागातर सफाए के बीच मुख्मयंत्री ने यह आदेश लोगों के बीच असंतोष को कम करने के इरादे से दिया है।
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एसपी वैद की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार कमेटी ने बुधवार को सौंपी रिपोर्ट में केस वापसी की सिफारिश की थी। राज्य के युवाओं पर केस वापसी के लिए सभी वर्गों के लोग मांग कर रहे हैं।
बुधवार को लिया गया यह अहम फैसला महबूबा सरकार के सत्ता में आते ही शुरू की गई केस वापसी प्रक्रिया की बहाली है। इससे पहले उन्होंने 2008 से 2014 के युवाओं के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने का आदेश दिया था। पहली खेप में 634 युवाओं से संबंधित 104 केस वापस लिए गए थे। लेकिन लगातार हिंसा व अशांति के कारण पिछले साल के अंतिम हिस्से में यह प्रक्रिया रुक गई थी। अब 744 केसों से संबंधित 4327 युवाओं के केस वापल लेने का आदेश दिया गया है।
अब तक 4957 के खिलाफ केस वापस
ताजा आदेश को मिलाकर मुख्यमंत्री के निर्देश पर अब वापस लिए गए कुल केसों की संख्या 848 हो गई है। इससे कुल 4957 युवाओं पर मुकदमे खत्म हो जाएंगे। महबूबा ने वादा किया था कि राज्य में कम गंभीर मामलों के आरोपी युवाओं के केस वापस लिए जाएंगे। हाल में उन्होंने 2015 के बाद से आज तक के केसों की समीक्षा का आदेश दिया है। इस पर उच्चाधिकारी कमेटी विचार कर रही है। उसकी रिपोर्ट मिलने के बाद इस बारे में निर्णय लिया जाएगा।
सकारात्मक माहौल मेंमदद मिलेगी : महबूबा
मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि केस वापसी से राज्य में सकारात्मक व शांति का माहौल बनाने में मदद मिलेगी। युवा रचनात्मक व सकारात्मक तरीके से अपना जीवन बनाने में सक्षम होंगे। आतंकियों को मारने से आतंक खत्म नहीं होगा इससे पहले कठुआ के पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में 947 नवआरक्षकों की पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए महबूबा ने कहा कि आतंकियों को मार गिराने से ही आतंकवाद खत्म नहीं होगा। समस्या के निपटारे के लिए अधिक “मानवीय दृष्टिकोण” अपनाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, “राज्य में आतंकवाद के अलावा ड्रग्स जैसी बुराई व महिलाओं के खिलाफ हिंसा का बढ़ता ग्राफ सबसे बड़ी चुनौतियां हैं। आपको आतंकवाद खत्म करना ही होगा, लेकिन सिर्फ आतंकियों को मारने से ही यह समाप्त नहीं हो सकता।
200 आतंकियों का सफाया
ज्ञात हो कि इस साल सुरक्षा बलों ने अब तक के सर्वाधिक 200 आतंकियों का सफाया किया है। हाल के वर्षों में यह सबसे ज्यादा है। सीएम ने कहा कि इसके साथ ही हमें आतंकवाद के पीछे की समस्याओं और उनके कारणों पर विचार करना होगा। नरम रवैया अपनाने की पैरवीराज्य में उग्रवाद से निपटने में नरम रवैया अपनाने की पैरवी करते हुए महबूबा ने उनकी सरकार द्वारा पहली बार पथराव करने वाले के केस वापस लेने के फैसले की ओर ध्यान आकर्षित किया।
उन्होंने कहा कि पुलिस को इन बच्चों की काउंसिलिंग व अभिभावक के रूप में उनसे परामर्श करना चाहिए। मैंने पैलेट गन से जख्मी लोगों को मेरे घर बुलाया था। मुझे जानकार हैरानी हुई की इन पत्थरबाजों में से अधिकांश की उम्र 14, 15 व 16 साल थी।