मुजफ्फरपुर, बिहार की साहित्यिक संस्था एम.एस.केशरी पब्लिकेशन जिसकी संस्थापिका मुस्कान केशरी जी हैं। पब्लिकेशन द्वारा एकल पुस्तकें और साझा संकलन पुस्तकें प्रकाशित की जाती हैं और हर माह दो दिवसीय काव्यगोष्ठी, जुगलबंदी और कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है, जिसमें देशभर के साहित्यकार सम्मिलित होते हैं और कार्यक्रम को सफल बनाते हैं। नव वर्ष की शुभ अवसर पर 05 जनवरी 2024 शाम 7 बजे काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि मुंगेली, छत्तीसगढ़ से अशोक कुमार यादव जी और मुजफ्फरपुर, बिहार से लोकनाथ मिश्र जी मंच पर उपस्थित रहे। मंच संचालन मुस्कान केशरी जी और सरस्वती वंदना रश्मि जी के द्वारा किया गया। काव्यपाठ के लिए देशभर के साहित्यकारों को आमंत्रित किया गया जिसमें अर्चना आनंद, सुनंदा गांवडे, रिषभ सागर, निखिलेश मालवीय, अमन रंगेला, डाॅ.राकेश कुमार, विमल फरीदाबादी, डाॅ.रानी सक्सेना, बलराम यादव देवरा, पूनम सिंह, डॉ.हंसा सिद्धपुरा, सागर सिंह भूरिया, रमेश साहू, मुकेश कुमार सोनकर, डाॅ.शारदा प्रसाद दुबे, रितेश मिश्रा ऋतु, डाॅ.भागीरथ मेघवाल, हरमिन्दर कौर, सावित्री गौतम सत्या, सुनिता श्रीवास्तव, विशाल जैन पवा सम्मिलित हुए और अपने काव्यपाठ से मंच को गौरवान्वित किये। वही 07 जनवरी 2024 शाम 7 बजे की काव्यगोष्ठी में मुख्य अतिथि मुंगेली, छत्तीसगढ़ से अशोक कुमार यादव जी और विशिष्ट अतिथि बिलासपुर, छत्तीसगढ़ से अनिल जायसवाल जी मंच पर उपस्थित रहे और मंच संचालन मुस्कान केशरी जी और सरस्वती वंदना रश्मि जी के द्वारा किया गया। काव्यपाठ हेतु देशभर के साहित्यकार को आमंत्रित किया गया जिसमें आनन्द कुमार मित्तल, डाॅ.योगिता सिंह हंसा, रश्मि जी, राहुल राज, आचार्य मूलचंद शर्मा निर्मल, डाॅ. फूल कुमार राठी, आनंदकृष्णन एड़चेरी, विशाल जैन पवा, संगम लाल मौर्य, मिताली वर्मा, अंजू चौधरी, रीति झा, उत्तरा शर्मा, सरोज लता सोनी, भारत भूषण वर्मा असंध, सनल कक्काड, डाॅ.सरोज राज साव, निखिलेश मालवीय, मधुलिका मनोज भांभू, डाॅ.सगीर अहमद सिद्दीकी, प्रीति रानी तिवारी, रंजना कुमारी, सुखमिला अग्रवाल सम्मिलित हुए। इस बार की दो दिवसीय काव्यगोष्ठी भगवान श्री राम जी को समर्पित रही, सभी साहित्यकारों ने एक से बढ़कर एक रचना प्रस्तुत की। सुनकर मन प्रसन्न हो गया मंच पर श्रोता के रूप में संजय कुमार श्रीवास्तव, मुकेश कुमार, बलराम यादव देवरा, रितेश मिश्रा, डाॅ.रानी सक्सेना मंच पर उपस्थित रहे और सभी ने अपनी बेहतरीन प्रक्रिया दिया काव्यगोष्ठी को लेकर। एम.एस.केशरी पब्लिकेशन की संस्थापिका मुस्कान केशरी सभी साहित्यकारों को तहे दिल से धन्यवाद करती है।