हमें ऐसा भारत बनाना है जहां अभाव का अभाव हो: प्रो. योगेश सिंह

asiakhabar.com | January 4, 2024 | 5:21 pm IST

नई दिल्ली।दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि हमें ऐसा भारत बनाना है जहां अभाव का अभाव हो। उन्होंने कहा कि अब भारत बदल रहा है। बहुत कुछ अच्छा हो रहा है। प्रो. योगेश सिंह नव वर्ष 2024 के प्रथम दिवस के अवसर पर कुलपति कार्यालय के लॉन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कुलपति ने सभी को नव वर्ष की शुभकानाएं देते हुए कहा कि वर्ष 2023 सभी के सराहनीय प्रदर्शन के कारण उपलब्धियों भरा रहा है। इसके लिए उन्होंने अपने सभी सहयोगियों की पीठ थपथपाई। कुलपति ने विश्वविद्यालय की साल भर की उपलब्धियों के आंकड़े प्रस्तुत करते हुए बताया कि बीते वर्ष में डीयू और इसके महाविद्यालयों में शिक्षकों की कुल 3716 नियुक्तियां और 5979 पदोन्नतियां हो चुकी हैं।
प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि डीयू के शताब्दी समारोह का शुभारंभ 2022 में उपराष्ट्रपति ने किया था और 2023 में इसके समापन अवसर पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी डीयू पहुंचे। 2023 में डीयू कल्चर काउंसिल द्वारा भी जी-20 के अनेकों आयोजन किए गए। प्रो. योगेश सिंह ने फरवरी 2024 में होने वाले डीयू के 100 वें दीक्षांत समारोह को लेकर कहा कि अपनी स्थापना के 101 वर्षों में 100 दीक्षांत समारोह आयोजित करने वाला दिल्ली विश्वविद्यालय अपने आप में दुनिया का अनूठा विश्वविद्यालय है।
कुलपति ने बताया कि इस वर्ष क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग: सस्टेनेबिलिटी 2024 में दिल्ली विश्वविद्यालय को 73.4 के समग्र स्कोर के साथ भारत में पहला और वैश्विक स्तर पर 220वां स्थान प्राप्त हुआ है। पिछले वर्ष इस सूची में डीयू 381-400 रैंक पर था। उन्होंने कहा कि 2024 में हमें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर अपनी रैंकिंग में और सुधार करना है। एनआईआरएफ में हम भारत के शीर्ष 10 विश्वविद्यालयों में शामिल होने का प्रयास करेंगे और क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में वैश्विक स्तर पर 400 संस्थानों में शामिल होने का प्रयास करेंगे। कुलपति ने अनुसंधान के आंकड़े सांझा करते हुए बताया कि 2023 के दौरान स्कोपस इंडेक्स्ड जर्नल्स में शोध प्रकाशनों में 13% की वृद्धि हुई है। इस अवधि के दौरान कम से कम 11 पेटेंट स्वीकृत/प्रकाशित किये गये हैं। यही नहीं, विश्वविद्यालय का एच-इंडेक्स 230 से बढ़कर 268 हो गया है जो हमारे संकाय सदस्यों द्वारा अनुसंधान की बढ़ी हुई गुणवत्ता को दर्शाता है। उन्होने बताया कि 2023 में डीयू ने विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ 33 एमओयू साइन किए हैं जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 18 थी।
इन सभी उपलब्धियों के लिये कुलपति ने भारत सरकार सहित यूनिवर्सिटी कोर्ट, कार्यकारी परिषद, अकादमिक परिषद, वित्त समिति तथा विभिन्न अन्य वैधानिक एवं गैर-सांविधिक समितियों के सभी सदस्यों एवं विश्वविद्यालय के सभी अधिकारियों, शिक्षकों तथा कर्मचारियों का आभार जताते हुए सभी को हार्दिक बधाई भी दी। इसके साथ ही उन्होंने वर्ष 2024 के लिये लक्ष्य निर्धारित करने पर भी जोर दिया। उन्होंने नए वर्ष पर सभी से आह्वान किया कि आज के दिन हम निर्णय लें कि केवल अच्छा सोचें और सबका सोचें।
इस अवसर पर डीन ऑफ कॉलेजज प्रो. बलराम पाणी, दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. श्री प्रकाश सिंह, एसओएल की निदेशक प्रो. पायल मागो, प्रॉक्टर प्रो. रजनी अब्बी, रजिस्ट्रार डॉ विकास गुप्ता, डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो. पंकज अरोड़ा, डीन अकेडमिक प्रो. के. रत्नाबली तथा डीयू कल्चर काउंसिल के चेयरपर्सन एवं पीआरओ अनूप लाठर सहित डीन, विभागाध्यक्ष, विभिन्न कालेजों के प्रिंसिपल व विश्वविद्यालय के अनेकों अधिकारी उपस्थित रहे।
2023 में हुई 5979 शिक्षकों की प्रमोशन और 3716 नई भर्तियाँ
कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2023 में डीयू द्वारा कुल 5979 प्रमोशन की गई। इनमें से विभिन्न कॉलेजों में कुल 5864 प्रमोशन हुई जिनमें 3796 आसिस्टेंट प्रोफेसर, 1402 एसोसिएट प्रोफेसर और 666 प्रोफेसरों को प्रमोट किया गया। विश्वविद्यालय के विभागों में कुल 115 प्रमोशन हुई जिनमें 54 आसिस्टेंट प्रोफेसर, 22 एसोसिएट प्रोफेसर, 21 प्रोफेसर और 18 सीनियर प्रोफेसरों को प्रमोट किया गया। कुलपति ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2023 में शिक्षक भर्तियों पर भी पूरा ज़ोर रहा। विभिन्न कॉलेजों और विभागों में आसिस्टेंट प्रोफेसर और प्रिंसिपल/ निदेशकों सहित कुल 3716 नई नियुक्तियां की गई। विश्वविद्यालय और कॉलेजों द्वारा गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति और पदोन्नति बारे जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि 2023 में 619 एमएसीपी केस, 117 नियुक्तियां और 468 प्रमोशन किए गए।
2023 में कई नए शैक्षणिक कार्यक्रम भी हुए शुरु
कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि 2023 में डीयू द्वारा कई नये कार्यक्रम, केन्द्र और विभाग भी शुरू किए गए। प्रौद्योगिकी संकाय के अंतर्गत क्लस्टर इनोवेशन सेंटर में पीएच.डी. और संगीत एवं ललित कला संकाय के अंतर्गत ललित कला में पीएच.डी. शुरू की गई है। विधि संकाय द्वारा पंचवर्षीय एकीकृत विधि कार्यक्रम बी.ए. एलएलबी (ऑनर्स), बीबीए एलएलबी (ऑनर्स) तथा प्रौद्योगिकी संकाय द्वारा तीन बी.टेक. कार्यक्रम भी इसी वर्ष शुरू किए गए। सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज द्वारा एमए (हिंदू अध्ययन) और एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) की शुरुआत भी की गई है। पूर्वी एशियाई अध्ययन विभाग द्वारा चीनी और कोरियाई में एम.ए. की शुरुआत की गई। वाणिज्य संकाय द्वारा एमबीए (बिजनेस एनालिटिक्स) प्रोग्राम शुरू किया गया। इनके साथ ही चिकित्सा में भी कई नए पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं।
2024 में भी रहेगा निर्माण कार्यों पर ज़ोर
कुलपति ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने 2023 में अनेकों नवनिर्माण शुरू किए थे। कुछ कार्यों में विभिन्न एजेंसियों की अप्रूवल के कारण कुछ विलंब हुआ। उन्होंने कहा कि नवनिर्माण और ढांचागत सुविधाओं के सुधारों के मामले में डीयू के लिए वर्ष 2024 काफी अच्छा रहने वाला है। 1633.61 करोड़ रुपए की कुल लागत से अनेकों निर्माण कार्य 2024 में होने हैं। प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि इस वर्ष में 330 करोड़ रुपये से आईओई की नई बिल्डिंग, 289.61 करोड़ रुपये की लागत से आईओई हॉस्टल, 87 करोड़ रुपये से कंप्यूटर सेंटर का निर्माण और 110 करोड़ रुपये से लाइब्रेरी का विस्तार किया जाएगा। इसी कड़ी में 195 करोड़ रूपये से फैक्लटी ऑफ टैक्नॉलोजी, 201 करोड़ रूपये की लागत से दिल्ली स्कूल ऑफ इक्नॉमिक्स के दो नए शैक्षणिक खंडों का निर्माण, 226 करोड़ रूपये से सूर्जमल विहार में विश्वविद्यालय के कैम्पस का निर्माण व 95 करोड़ रूपये से द्वारका में शैक्षणिक ब्लॉक के निर्माण सहित अनेकों नव निर्माण कार्यों का शुभारम्भ भी अप्रैल 2024 तक शुरु होने की उम्मीद है। कुलपति ने बताया कि 25.4 करोड़ रूपये की लागत से विभिन्न स्थानों पर रिनोवेशन आदि के कार्य भी इस वर्ष में पूरे होंगे।


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