नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि वर्ष 2027 से पहले देश दाल उत्पादन के क्षेत्र में पूर्णरूप से आत्मनिर्भर हो, हम इस लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं। हमारा प्रयास है कि वर्ष 2028 में विदेश से दाल की खरीद न करनी पड़े।
शाह ने गुरुवार को विज्ञान भवन में तूर उत्पादक किसानों के पंजीकरण, खरीद व भुगतान पोर्टल का लोकार्पण करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार दलहन उत्पादक किसानों के साथ है। उन्होंने किसानों से बड़े पैमाने पर दलहन फसलों की खेती करने का आह्वान किया। सरकार उनके फसल की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व उस समय के बाजार रेट पर करेगी। आजादी के 75 साल बाद दलहन का आयात करना देश के लिए सम्मानजनक नहीं है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि के क्षेत्र में दलहन का उत्पादन करने वाले किसानों पर एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है कि 2027 तक दलहन के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर हो।
शाह ने कहा कि दलहन की खेती करने वाले किसानों से वह कहना चाहते हैं कि उनकी उपज की खरीद की जिम्मेदारी केन्द्र सरकार की है। भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ लिमिटेड (नाफेड) और भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) देश में दलहन किसानों से सीधे खरीद करेंगी। किसान फसल से पहले इनके पोर्टल पर पंजीकरण कर सूचित करें, ताकि खरीद में आसानी हो सके। नाफेड और एनसीसीएफ कम से कम एमएसपी या उस समय के बाजार भाव पर दलहन खरीदेंगी लेकिन अगर किसान को बाजार में इससे भी अधिक रेट मिलता है तो वह अपने उत्पाद को बाजार में भी बेच सकेंगे।
शाह ने कहा कि पोर्टल पर पंजीकरण, खरीद और भुगतान तक की प्रक्रिया एक ही माध्यम पर उपलब्ध रहेगी। किसान को भुगतान नाफेड की ओर से उनके बैंक खातों में किया जाएगा। किसान-केंद्रित इस पहल का उद्देश्य तूर दाल उत्पादकों को नाफेड और एनसीसीएफ की ओर से खरीद, सुव्यवस्थित प्रक्रियाओं और सीधे बैंक हस्तांतरण के माध्यम से बेहतर कीमतों के साथ सशक्त बनाना है, ताकि घरेलू दलहन उत्पादन को बढ़ावा मिले और आयात निर्भरता खत्म हो सके।