सियोल। संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका की धमकी के बावजूद उत्तर कोरिया लगातार मिसाइल परीक्षण कर रहा है। इस पार किम जोंग ने इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल ह्वासोंग-15 का परीक्षण करके अमेरिका को फिर आंख दिखाई।
उत्तर कोरिया का दावा है कि ह्वासोंग-15 की जद में पूरा अमेरिका है। यह मिसाइल अधिक विस्फोटक के साथ 13 हजार किमी की दूरी तय सकती है। इस परीक्षण के साथ ही उत्तर कोरिया कई देशों के लिए खतरा बन गया है।
पूरा अमेरिका मिसाइल की जद में-
भारतीय समयानुसार मंगलवार देर रात मिसाइल परीक्षण करने के बाद उत्तर कोरिया ने ऐलान किया कि ह्वासोंग-15 नाम की उसकी मिसाइल का ताजा परीक्षण सफल रहा है। अब पूरा अमेरिका उसके परमाणु हथियारों के हमले की जद में गया है। भारी वजन के परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम ह्वासोंग-15 की क्षमता 13,000 किलोमीटर से अधिक है, जबकि अमेरिका की दूरी दस हजार किलोमीटर है।
उत्तर कोरिया मसले को केंद्र में रखकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एशिया दौरे के दो हफ्ते बाद ही अमेरिका के सामने नई चुनौती पेश की गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ताजा परीक्षण पर दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति और जापान के प्रधानमंत्री से बात की है। उत्तर कोरिया के सबसे बड़े सहयोगी चीन ने परीक्षण पर गंभीर चिंता जताई हैं। जबकि रूस ने तल्ख अंदाज में इसे भड़कावे की कार्रवाई कहा है।
आपको पता हो, तीन सितंबर को छठा परमाणु परीक्षण करने के बाद दुनिया के तमाम देशों ने उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगा दिया था।
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने आईसीबीएम की सफलता के लिए देश के परमाणु बल (न्यूक्लियर फोर्स) को बधाई दी है। कहा है कि इस सफल परीक्षण से उत्तर कोरिया ने गौरवशाली मुकाम हासिल कर लिया और वह पूर्ण परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बन गया है।
नई मिसाइल को ह्वासोंग-15 का नाम दिया गया है। उत्तर कोरिया ने कहा है कि वह जिम्मेदार परमाणु शक्ति के रूप में कार्य करेगा। उसकी शक्ति पूंजीवादी अमेरिका की परमाणु हमले की धमकी और ब्लैकमेल करने की नीति का जवाब है।
पहला परमाणु परीक्षण-
नौ अक्टूबर, 2006 में पहला परीक्षण। एक किलोटन से कम विस्फोटक ऊर्जा उत्पन्न। 4.3 तीव्रता का भूकंप आया।
दूसरा परीक्षण– 25 मई, 2009 को दूसरे परीक्षण में 2.35 किलोटन की विस्फोटक ऊर्जा निकली और 4.7 तीव्रता का भूकंप आया।
तीसरा परीक्षण – 12 फरवरी, 2013 को तीसरे परीक्षण में 16 किलोटन विस्फोटक ऊर्जा निकली। 5.1 तीव्रता का भूकंप आया।
चौथा परीक्षण- छह जनवरी, 2016 को चौथे परीक्षण से 15.5 किलोटन विस्फोटक ऊर्जा निकली। इसे हाइड्रोजन बम बताया। 5.1 तीव्रता का भूकंप आया।
पांचवां– नौ सितंबर, 2016 को पांचवें परीक्षण में 30 किलोटन तक विस्फोटक ऊर्जा निकली। 5.3 तीव्रता का भूकंप आया।
छठा – तीन सितंबर, 2017 को हाइड्रोजन बम का परीक्षण। 50 किलोटन ऊर्जा निकली। 6.3 तीव्रता का भूकंप आया।
मिसाइल कार्यक्रम के अहम पड़ाव- 1987-92
स्कड-सी (मारक क्षमता पांच सौ किमी) जैसी मिसाइल, रोडोंग-1 1,300, ताइपोडोंग-1 (2,500 किमी), मुसुदन-1 (3,000 किमी) और ताइपोडोंग-2 (6,700 किमी) का निर्माण शुरू।
1998 : जापान के ऊपर से ताइपोडोंग-1 का परीक्षण किया।
9 मार्च, 2016 : थर्मो न्यूक्लियर वारहेड को लघु रूप में निर्मित किए जाने की घोषणा।
23 अप्रैल, 2016 : पनडुब्बी से बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण।
8 जुलाई, 2016 : अमेरिका ने दक्षिण कोरिया में एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम थाड लगाने की घोषणा की।
तीन अगस्त, 2016 : जापान के समुद्री क्षेत्र में पहली बार सीधी बैलिस्टिक मिसाइल दागी।
आखिर नहीं माना उत्तर कोरिया-
2017 में बनाई अमेरिका तक पहुंच 14 मई : जापान सागर में ह्वासोंग-12 मिसाइल गिराई। सात सौ किमी दूरी तय की।
4 जुलाई : ह्वासोंग-14 दागी। अमेरिका के अलास्का तक पहुंच का दावा।
28 जुलाई : दस हजार किमी की दूरी तक मार करने वाली केएन-14 का परीक्षण।
29 अगस्त : जापान के ऊपर से छह हजार किमी तक वार करने वाली ह्वासोंग-12 बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया।
15 सितंबर : ह्वासोंग-12 का परीक्षण किया।
सुरक्षा परिषद करेगी हालात पर चर्चा-
अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने माना है कि जापान के नजदीक गिरी मिसाइल लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल थी। अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने इसे पूरी दुनिया के लिए खतरा बताया है। विशेषज्ञों के अनुसार आईसीबीएम में अधिक वजन का परमाणु हथियार फिट करने की उत्तर कोरिया की क्षमता को लेकर संदेह है। लेकिन जिस रफ्तार से वह हथियार विकसित कर रहा है, उससे लगता है कि वह क्षमता प्राप्त करने में उसे ज्यादा समय नहीं लगेगा।
ट्रंप प्रशासन ने फिर कहा है कि उत्तर कोरिया को लेकर उनके पास सभी विकल्प हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद बुधवार को उत्तर कोरिया के ताजा परीक्षण पर चर्चा करेगी।
4,475 किमी की ऊंचाई तक गई मिसाइल-
ताजे परीक्षण में उत्तर कोरियाई मिसाइल सबसे ज्यादा ऊंचाई और सबसे ज्यादा दूरी तक जाकर जापान के नजदीक समुद्र में गिरी। उत्तर कोरिया ने बयान जारी कर कहा है कि यह मिसाइल आकाश में 4,475 किलोमीटर की ऊंचाई तक गई और उसने 950 किलोमीटर लंबा सफर तय किया। पूरा सफर तय करने में मिसाइल को कुल 53 मिनट लगे।
अंतरिक्ष में जितनी ऊंचाई पर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन मौजूद है, उत्तर कोरिया की मिसाइल उससे दस गुना ज्यादा ऊंचाई तक गई। इसके चलते उत्तर कोरियाई मिसाइलों के खतरे से अब अंतरिक्ष भी सुरक्षित नहीं रह गया है।
गुआम तक दो बार पहुंच चुकी है मिसाइल-
उत्तर कोरिया वैसे तो बैलिस्टिक मिसाइलों के दर्जनों परीक्षण कर चुका है, लेकिन अमेरिका के शहरों तक पहुंच होने का दावा उसने पहली बार किया है। बीते अगस्त में अमेरिकी द्वीप गुआम के नजदीक दो बार बैलिस्टिक मिसाइल पहुंचा चुके उत्तर कोरिया को लेकर विशेषज्ञ मान रहे थे कि कुछ ही महीनों में उसकी मिसाइलें अमेरिका तक पहुंचने में सक्षम हो जाएंगी।
गुआम प्रशांत महासागर में स्थित है और उत्तर कोरिया से उसकी दूरी करीब 3,500 किलोमीटर है