नई दिल्ली। आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने शुक्रवार को कहा कि भारत ‘ग्लोबल साउथ’ के लोगों को सशक्त बनाने के लिए डिजिटल सार्वजनिक ढांचे (डीपीआई) और ज्ञान संसाधनों से संबंधित अपनी प्रौद्योगिक क्षमताओं को साझा करने के लिए तैयार है।
राष्ट्रीय राजधानी में सितंबर में आयोजित शिखर सम्मेलन में जी20 सदस्य देशों के नेताओं ने डिजिटल सेवाओं तथा डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे तक पहुंच में सुधार करने, टिकाऊ तथा समावेशी वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल बदलाव के अवसरों का लाभ उठाने की प्रतिबद्धता जतायी थी।
सेठ ने दूसरे ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ में कहा कि भारत की अध्यक्षता में सामाजिक परिवर्तन तथा आर्थिक सशक्तीकरण, खासकर वित्तीय समावेशन में प्रौद्योगिकी की भूमिका पर भी गौर किया गया। ‘ग्लोबल साउथ’ से तात्पर्य उन देशों से है जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित अथवा अविकसित के रूप में जाना जाता है। ये मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लातिनी अमेरिकी देश हैं।
सेठ ने कहा भारत की सफलता की कहानी पर भरोसा करते हुए नेताओं द्वारा समर्थित डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के जरिये वित्तीय समावेशन और उत्पादकता लाभ को आगे बढ़ाने के लिए जी20 नीति सिफारिशें वित्तीय समावेशन को तेजी से बढ़ाने में मार्गदर्शक की भूमिका निभा सकती हैं।
सेठ ने कहा, ‘‘2024 से 2026 के लिए जी20 वित्तीय समावेशन कार्ययोजना ग्लोबल साउथ के साथ जुड़ाव को गहरा करने पर भी जोर देती है। भारत ग्लोबल साउथ के लोगों को सशक्त बनाने के लिए अपनी प्रौद्योगिकी क्षमताओं तथा ज्ञान संसाधनों को साझा करने के लिए तैयार है।’’ उन्होंने साथ ही कहा कि जी20 की एक उल्लेखनीय उपलब्धि क्रिप्टो परिसंपत्तियों के लिए विश्व स्तर पर समन्वित नीति व नियामकीय ढांचे के निर्माण का आधार तैयार करना है।