कोच्चि। केरल में ईसाइयों की धार्मिक सभा में हुए विस्फोटों की जिम्मेदारी लेने वाले डोमिनिक मार्टिन को जांच अधिकारियों ने ‘बहुत ही तेज दिमाग का’ व्यक्ति बताया है जो खाड़ी देश में शानदार नौकरी में था। विस्फोटों के बाद मार्टिन ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था। आरोपी ने खाड़ी में एक अच्छी नौकरी छोड़ दी थी जिस पर कई लोगों ने सवाल उठाया था।
पुलिस ने आत्मसमर्पण के उपरांत सोमवार को औपचारिक रूप से मार्टिन की गिरफ्तारी दर्ज की थी। वहीं, विशेष जांच दल (एसआईटी) मंगलवार को उसे यहां अलुवा के पास अथानी स्थित उसके आवास पर ले गया। एसआईटी को इस स्थान पर विस्फोटक उपरकरणों को इकट्ठा किए जाने का संदेह था।
मार्टिन ने इस दौरान विस्फोटक निर्माण प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया। उसने उन सामग्री के बारे में भी जानकारी दी जिन्हें विस्फोट में इस्तेमाल किया गया था। प्रार्थना सभा में हुए इन धमाकों में तीन लोगों की मृत्यु और 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, मार्टिन ने रविवार को आत्मसमर्पण के बाद खरीदे गए समान के बिल भी प्रस्तुत किए। इससे उसके खिलाफ मामला और मजबूत हो गया। इसमें विस्फोटक बनाने के लिए खरीदे गए पेट्रोल का बिल भी था।
‘असाधारण बुद्धि के मालिक और बहुत ही मेहनती’ मार्टिन के ऐसी घटना को अंजाम देने के लिए ऊंची तनख्वाह वाली विदेशी नौकरी को छोड़ने के फैसने ने अधिकारियों को भी हैरान कर दिया। इलेक्ट्रोनिक्स का उसे बहुत अच्छा ज्ञान है।
मार्टिन को मंगलवार को अदालत में पेश किया गया। इस दौरान उसका चेहरा ढका हुआ था।
पुलिस ने अदालत को बताया कि वह बुधवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष शिनाख्त परेड के लिए एक आवेदन दायर करेगी और उसके बाद मार्टिन की हिरासत की मांग करेगी।
अदालत ने आरोपी को कई बार कहा कि वह कानूनी सहायता ले, लेकिन उसने इससे इनकार किया और कहा कि वह अपने मामले की पैरवी खुद करेगा।
आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या के लिए सजा) तथा विस्फोटक कानून की धारा तीन के साथ-साथ अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
ये विस्फोट कोच्चि के पास कलमश्शेरी में एक ‘कन्वेंशन सेंटर’ में किए गए थे जहां रविवार को ‘यहोवा के साक्षी’ समुदाय के लिए एक प्रार्थना सभा आयोजित की गई थी। ‘यहोवा के साक्षी’ एक ईसाई धार्मिक संप्रदाय है, जिसकी उत्पत्ति 19 वीं शताब्दी में अमेरिका में हुई थी।
आत्मसमर्पण करने से पहले उसने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उसने विस्फोटों को अंजाम देने के कारण बताए।
विभिन्न टीवी चैनलों पर प्रसारित वीडियो में व्यक्ति ने दावा किया कि उसने यह निर्णय इसलिए लिया क्योंकि संगठन की शिक्षाएं ‘देशद्रोही’ थीं।
मार्टिन ने दावा किया कि ‘यहोवा के साक्षी’ और उसकी विचारधारा देश के लिए खतरनाक थी और इसलिए राज्य में इसकी उपस्थिति समाप्त करनी होगी। उसने संगठन को अपनी शिक्षाओं को सुधारने के लिए कहा था, लेकिन वह ऐसा करने के लिए तैयार नहीं था।
मार्टिन ने कहा, ‘इसके अलावा मेरे पास कोई अन्य विकल्प नहीं था, इसलिए मैंने यह निर्णय लिया।’