भारत की आत्मा ग्रामों में बसती है, और ग्रामों में निवास करने वाले बहुत बड़े जनसमुदाय आज भी समाज के मुख्य धारा से पिछड़े हुए हैं जिसके लिए सरकार राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन पूरे देश में चला रही है। इसी मिशन में उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के ठेकमा ब्लॉक में तैनात ब्लॉक मिशन प्रबंधक डॉ. अभिषेक कुमार सामुदायिक उत्थान, जीविकोपार्जन संबंधी क्रियाकलापों में एक अलग ही छाप छोड़े हैं। अपने विकास खण्ड के समूह महिलाएं कैसे आर्थिक, सामाजिक, बौद्धिक दृष्टिकोण से सशक्त मजबूत, स्वालंबन की दिशा में अग्रसर हो ये अपने कौशल विवेक से निरंतर प्रयत्नशील रहते हैं। इस वित्तीय वर्ष में डॉ. अभिषेक कुमार जी के द्वारा बीकापुर, ईरनी, कम्मरपुर और गोमाडीह में क्रमश: 35-35 कुल 140 समूह दीदियों को कृत्रिम गहना निर्माण, वर्मी कंपोस्ट, मधुमक्खी पालन और आचार मुरब्बा, पापड़ निर्माण का प्रशिक्षण दिलाकर आत्मनिर्भरता स्वरोजगार की दिशा में वंचित समुदायों को जोड़ा है। सैकड़ों महिलाओं के उन्हीके ग्राम में जीविकोपार्जन हेतु उद्यमिता का विकास किया है। डॉ. कुमार एक साहित्यकार एवं विचारक भी है जो अपने प्रेरक लेखनी के माध्यम से भी निराश अंधकार मन को रोशनी दिखाने का काम कर रहे हैं। इनका मानना है की ज्ञान ही शक्ति है, ज्ञान ही आत्मचेतना जगाने का और निर्धनता से ऊपर उठने का एकमात्र साधन है। इनके असाधारण लेखन के लिए इन्हें राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है।