मल्टीमीडिया डेस्क। टीम इंडिया ने सोमवार को नागपुर में श्रीलंका को दूसरे टेस्ट में पारी और 239 रनों से हराकर इतिहास रच दिया। इस ऐतिहासिक जीत के साथ ही भारतीय क्रिकेट टीम ने एक कैलेंडर वर्ष में सर्वाधिक जीत के अपने रिकॉर्ड को सुधार लिया। अब उसकी निगाहें ऑस्ट्रेलिया के विश्व कीर्तिमान पर टिक गई है।
भारत ने नागपुर में श्रीलंका की दूसरी पारी को मात्र 166 रनों पर समेटकर अपनी सबसे बड़ी टेस्ट जीत के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। यह इस वर्ष सभी फॉर्मेट्स में मिलाकर भारत की 32वीं जीत है। इसी के साथ उसने अपने एक साल में 31 जीत के पिछले वर्ष के रिकॉर्ड को ध्वस्त किया। भारतीय टीम ने इस वर्ष (2017) में अभी तक 46 मैच खेले, जिनमें से 32 में उसे जीत मिली जबकि 11 में हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा उसके 2 मैच ड्रॉ रहे जबकि 1 मैच बेनतीजा रहा। 2016 में भी टीम इंडिया ने 46 मैच खेले थे जिनमें से 31 में उसने जीत दर्ज करते हुए रिकॉर्ड बनाया था।
भारत की निगाहें अब ऑस्ट्रेलिया के एक कैलेंडर वर्ष में सर्वाधिक 38 जीत के विश्व कीर्तिमान को ध्वस्त करने पर टिक गई है। भारत को अभी इस वर्ष 7 मैच (1 टेस्ट, 3 वनडे और 3 टी20) और खेलने हैं। भारत के ये सभी मैच अपेक्षाकृत कमजोर श्रीलंका के खिलाफ होने है और इसके चलते यदि भारत ने ये सभी मैच जीत लिए तो वह कंगारू टीम का विश्व रिकॉर्ड तोड़ देगा। भारत ने यदि 7 में से 6 मैच भी जीत लिए तो वह इस रिकॉर्ड की बराबरी लेगा। विराट कोहली तीसरे टेस्ट मैच के बाद सीमित ओवरों की सीरीज में आराम करेगा, इसके चलते विराट के अलावा वनडे में कप्तानी करने वाले रोहित शर्मा पर टीम को इस ऐतिहासिक सफलता तक पहुंचाने की प्रमुख रूप से जिम्मेदारी रहेगी।