ऋषिकेश।। 9 साल से कम उम्र की कन्यायें पूर्णानंद घाट, जानकीपुल में विश्व प्रसिद्ध प्रथम महिला गंगा आरती में पधारी। उन्होंने मां गंगा की आरती में हिस्सा लेकर मां का आशीर्वाद लिया। पूर्णानंद घाट पर महिलाओं द्वारा विश्व प्रसिद्ध मां गंगा की दैनिक आरती में कन्याएं शामिल हुई। विधि विधान से कन्या पूजन कर मातृशक्ति की आराधना की गई। मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की प्रतीक नौ कुंवारी कन्याओं के पांव पखारे, चुनरी ओढाई, आरती उतारी, श्रद्धापूर्वक भोजन कराया, दक्षिणा और उपहार देकर उनका आशीर्वाद लिया। इस अवसर कन्या पर महिलाओं ने पुष्प वर्षा की। दिल्ली से आए आनंद गुप्ता जी से भंडारा करायाI
ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट के अध्यक्ष हरिओम शर्मा ज्ञानी जी ने कहा हम श्रद्धा और आस्था के भाव से नवमी के दिन कन्याओं को रोली का तिलक लगाकर, हाथ में मौली बांधकर उपहार भेंट करते हुए उनका पूजन भी करते हैं। यह संस्कार भी संसार के किसी भी देश या समाज में नहीं है कि कन्या भ्रूण हत्या हो और महिलाओं के प्रति अपराध बड़े ये सिर्फ़ हमारी दूषित मानसिकता के विरोधाभास की पराकाष्ठा हैं। निसंदेह मातृशक्ति के प्रति हमारी नकारात्मक सोच और कन्या भ्रूण हत्या मानवता की मौत से कम नहीं है। आजादी के अमृतकाल में नवरात्रि का सबसे बड़ा संकल्प यही है कि हम मातृशक्ति और बेटियों के प्रति सम्मान तथा पूजन के पवित्र संस्कार को सही अर्थों में कार्य रूप में परिणित कर आदि शक्ति की सच्ची उपासना करें, क्योंकि मातृशक्ति और बेटियों की वास्तविक आजादी के बिना हमारी आजादी अधूरी है।
महिला गंगा आरती में मुख्य रूप से डॉ. ज्योति शर्मा, शील गुप्ता, आनंद गुप्ता, रीना पुरी, अनु पुरी, वंदना, आशा, मंजू जोशी और गायत्री आदि महिलाओं ने गंगा आरती की।