गाजियाबाद:गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्य्क्ष सीमा त्यागी ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 अंतर्गत चयनित 2500 से ज्यादा बच्चों को प्राइवेट स्कूलों द्वारा दाखिला नही दिये जाने पर चिंता जाहिर की है जीपीए की अध्य्क्ष सीमा त्यागी ने बताया कि निःशुल्क एवम अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम ( आरटीई ) 2009 के अंतर्गत पहले चरण में 3606 दूसरे चरण में 1703 तीसरे चरण में 506 और चौथे चरण में 26 बच्चो सहित चार चरणों मे कुल 5841 बच्चों का चयन हुआ था लेकिन जीपीए के 6 महीने के लंबे सघर्ष के बाद भी अभी तक केवल 3296 बच्चों को दाखिला मिल पाया है अभी भी 2500 से ज्यादा बच्चों के अभिभावक दाखिलों के लिए निजी स्कूलों और अधिकारियों के चक्कर लगाने के लिए मजबूर है वही अगर पूरे प्रदेश की बात करे आरटीई के दाखिलों को आंकड़ा 50% प्रतिशत को भी नही छू पाया है जिसको देखकर समझा जा सकता है कि प्रदेश सरकार , शिक्षा विभाग के अधिकारी और जिला प्रशासन शिक्षा के अधिकार अधिनियम के प्रति गंभीर नही है आरटीई के अंतर्गत चयनित गरीब एवम आर्थिक रूप से कमजोर प्रदेश के प्रत्येक बच्चे को शिक्षा का अधिकार दिलाना पूर्ण रूप से उत्तर प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की है अधिकारियों और सरकार की इसी उदासीन रवैये के कारण हर साल हजारों बच्चे शिक्षा के मौलिक अधिकार से वंचित रह जाते है जो चिंता का विषय है अधिकारी सरकार को दिखाने के लिए निजी स्कूलों को नोटिस और चेतावनी तो देते है लेकिन दाखिला नही लेने वाले स्कलो पर कोई ठोस कार्यवाई नही करते जिसके कारण निजी स्कूल आरटीई अधिनियम 2009 का उलंघन करने से बाज नही आते । में गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के हजारों गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की तरफ से माननीय मुख्यमंत्री जी से निवदेन करती हूँ कि प्रदेश में निःशुल्क एवम अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत चयनित को बच्चों को शिक्षा का मौलिक अधिकार दिलाये और सरकार एवम अधिकारियों के आदेशों का उलंघन करने वाले निजी स्कूलों की मान्यता रद्द करने की कार्यवाई करने के आदेश जारी करे । जिससे की प्रदेश का एक भी बच्चा शिक्षा के अधिकार से वंचित न होने पाये और राष्ट्र के निर्माण में अहम भूमिका अदा कर हमारा प्रदेश प्रगति के पथ तेजी से आगे बढ़ता रहे ।