लगातार खांसी आना बन सकता है परेशानी का सबब

asiakhabar.com | October 12, 2023 | 1:36 pm IST

अक्सर लोग खांसी की समस्या को हल्के में लेते हैं, या फिर नजरअंदाज करते हैं। वहीं कई लोग को डॉक्टर आदि के पास जाने में भी संकोच करते हैं। हांलाकि सर्दियों में खांसी की समस्या आम होती है। लेकिन अगर कई हफ्तों के बाद भी आपकी खांसी ठीक नहीं हो रही है, तो इसे नजरअंदाज करने की गलती नहीं करनी चाहिए।क्योंकि यह कई चीजों की तरफ इशारा करती है। ऐसे में आपको डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए। बता दें कि खांसी के कई कारण जैसे इंफेक्शन, एलर्जी और स्मोकिंग आदि हो सकते हैं। ऐसे में अगर आपको भी खांसी लंबे समय से परेशान कर रही है, तो इसके पीछे का कारण जानना जरूरी होता है।
खांसी के प्रकार
एक्यूट खांसी- यह 2 सप्ताह से 3 सप्ताह तक रहती है और फिर अपने आप सही हो जाती है।
सबएक्यूट खांसी- यह लगभग 3 से 8 सप्ताह तक रह सकती है।
क्रॉनिक खांसी- यह 8 सप्ताह से ज्यादा रहती है और किसी बड़ी बीमारी का संकेत हो सकती है।
लंबे समय तक खांसी आने के कारण
धूम्रपान
अगर आपको भी लंबे समय से खांसी आ रही है, तो इसका एक कारण धूम्रपान भी हो सकता है। अक्सर धूम्रपान करने वाले लोगों में खांसी की समस्या देखी जाती है। क्योंकि तंबाकू में मौजूद केमिकल्स आपके लंग्स में जाकर जलन पैदा करते हैं। शरीर इसे खांसी के जरिए बाहर निकालने की कोशिश में बलगम बनाता है। धूम्रपान करने वाले लोग खांसी आने पर ध्यान नहीं देते, जिसकी वजह से उन्हें आगे चलकर गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
इंफेक्शन
सर्दी-ज़ुकाम ठीक होने के बाद भी इंफेक्शन की वजह से मरीज़ को बहुत दिनों तक खांसी की समस्या बनी रहती है। कई बार 2 महीनों तक खांसी की समस्या बनी रह सकती है। जिसकी वजह से श्वसन मार्ग में इरिटेशन होती है। इंफेक्शन के कारण हुई खांसी को ठीक होने में समय लगता है।
अस्थमा
जिस हवा में हम सांस लेते हैं, वह श्वसन के दौरान नाक, गले और फेफड़ों में जाती है। अस्थमा होने पर वायुमार्ग के आसपास की मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं, जिसकी वजह से बलगम बनता है और वायुमार्ग अवरुद्ध हो जाता है। ऐसा होने पर फेफड़ों में ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पाती है। इस वजह से अस्थमा के मरीज को काफी खांसी आती है। बता दें कि अस्थमा होने पर गीली-सूखी दोनों तरह की खांसी आ सकती है।
फेफड़ों का कैंसर
लंबे समय तक आने वाली खांसी की एक वजह फेफड़ों का कैंसर भी हो सकता है। बता दें कि फेफड़ों का कैंसर होने पर खांसते समय खून भी आने लगता है। लेकिन अगर आप धूम्रपान नहीं करते हैं और परिवार में भी किसी को फेफड़ों का कैंसर नहीं हुआ है, तो खांसी आने का कुछ अन्य कारण हो सकता है। ऐसी स्थिति में आपको फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
सर्दी-जुकाम
हांलाकि सर्दी -जुकाम और एलर्जी की समस्या होने पर भी खांसी आने लगती है। ऐसी स्थिति में ठंडी और सूखी हवा में सांस लेने से गले में खराश आदि भी हो जाती है।
खांसी से बचाव
नमक पानी से गार्गल
गले में खराश या खांसी होने की वजह से आपको कम से कम तीन बार नमक के पानी से गरारे जरूर करने चाहिए। नमक पानी से गार्गल करने से गले में मौजूद कीटाणु खत्म हो जाते हैं। इससे गले की खराश भी खत्म हो जाती है।
भाप
खांसी-जुकाम की स्थिति बनने पर भाप लेने से राहत मिलेगी। इस उपाय को करने से बंद नाक खुल जाती है और गले में जलन से भी राहत मिल जाती है। भाप लेने से कफ पिघलने लगता है और खांसी में भी आराम मिलता है।
शहद
बता दें कि खांसी में शहद काफी ज्यादा फायदेमंद होता है। शहद में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं, जिससे गले के बैक्टीरिया मर जाते हैं। लेकिन काफी दिनों से आ रही खांसी आने पर फौरन हेल्थ एक्सपर्ट्स से संपर्क करें। क्योंकि यह किसी गंभीर समस्या की ओर भी इशारा करता है।


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