नई दिल्ली। पाकिस्तान में नजरबंद मुंबई हमले का मास्टर माइंड और घोषित अंतरराष्ट्रीय आतंकी हाफिज सईद रिहा हो गया है। रिहाई के बाद इस आतंकी ने जश्न मनाया है साथ ही एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगला है। एक आतंकी की इस तरह रिहाई को लेकर भारत ने विरोध दर्ज करवाया है। भारत का कहना है कि पाक के इस कदम से साफ हो गया है कि उसने अपनी आतंकियों की मदद करने की नीतियों को नहीं बदला है।
रिहा होते ही हाफिज सईद ने जहर उगलते हुए कहा है कि ‘मेरी आवाज दबाने के लिए मुझे 10 महीने तक बंद रखा गया। लेकिन अब में कश्मीर की आजादी के लिए लड़ूंगा। मैं देशभर के लोगों को साथ लेकर कश्मीर और वहां के लोगों की आजादी की कोशिश करूंगा।’
पंजाब (पाकिस्तान) के ज्युडिशियल रिव्यू बोर्ड की तरफ से सईद को रिहा करने का आदेश आने के बाद उसे गुरुवार देर रात रिहा कर दिया गया। हालांकि पहले ऐसी अटकलें थीं कि सईद के खिलाफ कोई नई धारा लाकर उसे आगे भी घर में नजरबंद रखा जा सकता है। लेकिन जमात-उद-दावा के प्रवक्ता के सईद की रिहाई की जानकारी देने के बाद पाकिस्तान के खिलाफ पश्चिमी देशों का रवैया सख्त हो सकता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने सरकार की आधिकारिक प्रतिक्रिया जताते हुए शब्दों के चयन में कोई नरमी नहीं दिखाई है। कुमार ने कहा कि हाफिज सईद मुंबई हमले का प्रमुख साजिशकर्ता है। इस हमले में सैकड़ों भारतीय सहित कई विदेशियों की जानें गई थीं। इसके अलावा वह पाकिस्तान के कई पड़ोसी देशों में हमला करवाने का दोषी भी रहा है।
यह बताता है कि पाकिस्तान सरकार आतंकवाद के दोषी व्यक्तियों और संगठनों को सजा दिलाने को लेकर गंभीर नहीं है। पाकिस्तान का सिस्टम खूंखार आतंकियों को बचाता है। पाकिस्तान सरकार को अंतरराष्ट्रीय दायित्व को पूरा करते हुए हाफिज सईद जैसे आतंकियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय उसे छोड़े जाने के फैसले से गुस्से में है। सईद स्वयं अपने आतंकी होने की बात स्वीकार करता है। अगर वह बाहर आता है तो फिर से अपनी साजिशों को अंजाम देगा।
पाक सरकार पसोपेश में
भारत की इस सख्त प्रतिक्रिया को लेकर पाकिस्तान में खासी सरगर्मी है। पाकिस्तान के समाचार चैनलों में इसे बेहद प्रमुखता से दिखाया जा रहा है। पाकिस्तानी मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक हाफिज सईद की रिहाई को लेकर पाकिस्तानी सेना और पंजाब सरकार के बीच भी तनाव है।
मौजूदा राजनीतिक दल सईद की तरफ से राजनीतिक दल बनाने के एलान से घबराए हुए हैं। दूसरी तरफ, वहां की सरकार सईद के बेलगाम होने से शांति व्यवस्था के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली जगहंसाई से चिंतित है। दूसरी तरफ माना जा रहा है कि सेना के मौजूदा गेम प्लान में हाफिज सईद फिट बैठता है। इसलिए वह उसकी रिहाई में अड़ंगा नहीं डालना चाहती। सईद न सिर्फ पाक सेना की मदद से कश्मीर में आतंक की फैक्ट्री को नई खाद-पानी दे सकता है, बल्कि उसकी पार्टी वहां राजनीतिक अस्थिरता भी बढ़ा सकती है जो सेना के हित में है।
भारत से मिले सुबूत भी नहीं दिखाए
भारतीय विदेश मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी के मुताबिक पाकिस्तान की अब आदत हो गई है कि जब उस पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ता है तो वह सईद के खिलाफ कार्रवाई करता है। जब यह कम हो जाता है तो उसमें ढिलाई करने लगता है। न्यायिक बोर्ड ने सईद को इसलिए रिहा करने का आदेश दिया है कि वहां के अधिकारी उसके खिलाफ कोई सुबूत नहीं पेश कर सके। भारत ने सईद के मुंबई हमले में शामिल होने के जो सुबूत दिए हैं, सिर्फ उतने पेश कर दिए जाते तो उसकी रिहाई असंभव हो जाती।