उडुपी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने राम मंदिर मुद्दे पर कर्नाटक के उडुपी में चल रही धर्मसंसद में बड़ा बयान दिया है। कर्नाटक के उडुपी में चल रही धर्मसंसद के दौरान संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि राम जन्मभूमि पर सिर्फ राम मंदिर ही बनेगा और उसी पत्थर से बनेगा।
धर्मसंसद में संघ प्रमुख ने कहा कि राम मंदिर के ऊपर बहुत जल्द एक भगवा झंडा लहराएगा। राम जन्मभूमि स्थल पर कोई दूसरा ढांचा नहीं बनाया जा सकता। राम जन्मभूमि पर ही राम मंदिर बनेगा और उसी पत्थर से बनेगा।
इसके साथ ही मोहन भागवत ने गोरक्षा की वकालत करते हुए कहा कि हमें गायों की सुरक्षा सक्रिय रूप से करनी होगी। अगर गोहत्या पर बैन नहीं लगेगा, तो हम शांति से नहीं जी सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट में 5 दिसंबर से अयोध्या मामले पर आखिरी सुनवाई होने जा रही है और उससे पहले भागवत के इस बयान के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं।
अयोध्या मुद्दे पर हाल के दिनों में आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर की पहल पर बातचीत हुई थी। इसके अलावा शिया वक्फ बोर्ड ने भी अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद के समाधान के लिए एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें सुझाव दिया गया है कि अयोध्या में राम मंदिर और लखनऊ में मस्जिद बनाया जाए। साथ ही साथ बोर्ड ने सुझाव दिया है कि इस मस्जिद का नाम किसी शासक पर रखे जाने की बजाय इसे मस्जिद-ए-अमन नाम दिया जाए।
बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने अयोध्या विवाद का हल निकालने के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें कहा गया है कि अयोध्या में विवादित जमीन पर भगवान श्रीराम का मंदिर बनाया जाए ताकि हिंदुओं और मुसलमानों के बीच का विवाद सदा के लिए खत्म हो जाए और देश में अमन कायम हो।
हालांकि इस प्रस्ताव को सुन्नी वक्फ बोर्ड और बाबरी केस के मुद्दई ने खारिज कर दिया था। वहीं बाबरी मस्जिद एक्शन कमिटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा था कि बाबरी पर शिया बोर्ड का दावा फर्जी है।