भारत-सऊदी अरब निवेश फोरम की नई दिल्ली में आयोजित बैठक में दोनों देशों में कार्यालय स्थापित करने का निर्णय

asiakhabar.com | September 12, 2023 | 5:16 pm IST

नई दिल्ली। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री महामहिम मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ अल सऊद की भारत की राजकीय यात्रा से इतर, द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी परिषद के नेताओं के शिखर सम्मेलन में भागीदारी के लिए भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग तथा सऊदी निवेश मंत्रालय द्वारा कल नई दिल्ली में भारत-सऊदी अरब निवेश फोरम 2023 (“फोरम”) का आयोजन किया गया।
इस फोरम में भारत और सऊदी अरब की 500 से अधिक कंपनियों की भागीदारी रही। यह भारत और सऊदी अरब के बीच पहली औपचारिक निवेश संगोष्ठी है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 100 बिलियन डॉलर का निवेश करने के बारे में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस द्वारा पूर्व में की गई घोषणा की अनुवर्ती कार्रवाई के रूप में आयोजित की गई है।
भारत-सऊदी निवेश फोरम 2023 के मंत्रिस्तरीय सत्र की सह-अध्यक्षता केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल और सऊदी अरब के निवेश मंत्री महामहिम श्री खालिद ए. अल फलीह ने की।
व्यापार सभा को संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए, दोनों मंत्रियों ने परस्पर स्टार्ट-अप, डिजिटल बुनियादी ढांचा विकास, दोनों देशों के व्यापार और निवेशक इको-सिस्टम के बीच घनिष्ठ सहयोग बढ़ाने सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के तरीकों और साधनों के बारे में चर्चा की। इसके अलावा उन्होंने दोनों देशों की निवेश प्रोत्साहन एजेंसियों के बीच सहयोग तथा निवेश प्रोत्साहन कार्यालयों और निधियों तथा संयुक्त परियोजनाओं की संभावनाओं के माध्यम से भारत में प्रत्यक्ष निवेश के बारे में चर्चा के लिए सऊदी संप्रभुता संपत्ति निधि को प्रोत्साहित करने के बारे में भी विचार-विमर्श किया जाएगा।
मंत्रिस्तरीय चर्चा के दौरान कुछ अन्य प्रमुख निष्कर्षों में रणनीतिक साझेदारी परिषद की अर्थव्यवस्था और निवेश समिति के तहत पहचान किए गए साझेदारी के अवसरों को तेजी से प्राप्त करने के बारे में भी सहमति हुई। दोनों मंत्रियों ने खाद्य प्रसंस्करण, लॉजिस्टिक्स एवं बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य देखभाल, ऊर्जा विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा, कौशल विकास, अंतरिक्ष, आईसीटी और विशेष रूप से डिजिटल क्षेत्र में स्टार्ट-अप जैसे क्षेत्रों में संभावित निवेश सहयोग की रूपरेखा के बारे में भी विचार-विमर्श किया।
इस फोरम में अपने स्वागत संबोधन में उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के सचिव श्री राजेश कुमार सिंह ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए दोनों देशों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करके आपसी विकास पर जोर दिया।
इस फोरम में इन्वेस्ट सऊदी, इन्वेस्ट इंडिया, सऊदी अरब के आर्थिक शहर और विशेष क्षेत्र प्राधिकरण, गिफ्ट सिटी, आईएफएससी (इंटर नेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर), सऊदी संस्कृति मंत्रालय और फिल्म आयोग एवं सऊदी अरब के राष्ट्रीय निजीकरण केंद्र की विस्तृत प्रस्तुतियां देखी गईं, जिनमें भारत और सऊदी अरब दोनों में व्यापक निवेश अवसरों का प्रदर्शन किया गया।
इसके अलावा आईसीटी और उद्यमिता; रसायन एवं उर्वरक; ऊर्जा एवं स्थिरता; उन्नत विनिर्माण और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्रों में संभावित द्विपक्षीय सहयोग के बारे में विशेष विचार-विमर्श के साथ ब्रेकआउट सत्रों का आयोजन किया गया। इन क्षेत्रों में विशेषज्ञता और रुचि रखने वाले दोनों पक्षों के संबंधित व्यवसायों ने इन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं पर अपने विचार साझा किए।
इससे पूर्व दिन में, दोनों पक्षों के बीच जी2बी और बी2बी प्रारूप में 45 से अधिक समझौता ज्ञापनों पर (एमओयू) हस्ताक्षर किए गए। इन समझौता ज्ञापनों से दोनों देशों के बीच आर्थिक जुड़ाव और अधिक घनिष्ट होने की उम्मीद है जिससे निवेश प्रवाह में भी तेजी आने की संभावना है।


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