प्रयागराज (उप्र)। उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज की घटना में ”राज्य सरकार द्वारा कोई ठोस कदम ना उठाए जाने” के विरोध में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वकीलों की हड़ताल मंगलवार को भी जारी रही।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार से डिजिटल माध्यम से बहस की अनुमति दे दी।
उच्च न्यायालय की इस व्यवस्था के अनुसार, जो अधिवक्ता डिजिटल माध्यम से बहस करना चाहते हैं, वे ईमेल के जरिए इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव (प्रशासन) सर्वेश कुमार दूबे की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, सोमवार को शाम चार बजे एसोसिएशन की कार्यकारिणी की एक आपात बैठक हुई।
इस बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय किया गया कि जनपद न्यायालय, हापुड़ में 29 अगस्त को हुई घटना के बाद ”राज्य सरकार द्वारा दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने के कारण” उच्च न्यायालय के अधिवक्ता मंगलवार को भी न्यायिक कार्य नहीं करेंगे।
इससे पूर्व, बार एसोसिएशन की रविवार की रात हुई एक आपात बैठक में सोमवार को न्यायिक कार्य नहीं करने का निर्णय लिया गया था।
राज्य विधिज्ञ परिषद के उपाध्यक्ष अनुराग पांडेय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रशासन ने उसकी और अधिवक्ताओं की मांग पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की जिसके कारण आगे की रणनीति तय करने के लिए 10 सितंबर की रात परिषद के सदस्यों की आपात बैठक की गई।
विज्ञप्ति के अनुसार, बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय किया गया कि 11 और 12 सितंबर को अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे और इस बीच यदि सरकार परिषद की मांग नहीं मानती है तो 12 सितंबर को रात आठ बजे बैठक कर आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि 29 अगस्त को हापुड़ जनपद न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं पर पुलिस की कथित लाठीचार्ज की कार्रवाई के बाद से प्रदेशभर में अधिवक्ता न्यायिक कार्य में हिस्सा नहीं ले रहे हैं।