भारत और ब्रिटेन ने आर्थिक और बहुपक्षीय मुद्दों पर आपसी सहयोग बढ़ाने पर किया विचार विमर्श

asiakhabar.com | September 12, 2023 | 4:24 pm IST

नई दिल्ली। भारत और ब्रिटेन ने दोनों देशों की आर्थिक शक्तियाें के मद्देनजर व्यापक आर्थिक एवं बहुपक्षीय मुद्दों पर आपसी सहयोग बढ़ाने पर आज विचार विमर्श किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और ब्रिटेन के वित्त मंत्री जेरेमी हंट ने आज यहां 12वीं भारत-ब्रिटेन आर्थिक एवं वित्तीय वार्ता की सह-अध्यक्षता की जिसके बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया।
दोनों देशों ने यूके-इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग ब्रिज, विशेषज्ञता का लाभ उठाने और इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश को अनलॉक करने के लिए एक सहयोगी पहल की घोषणा की गई थी। 12वीं इस बैठक ने गिफ्ट सिटी को लेकर एक बड़ी भूमिका की परिकल्पना की जिससे भारत में विदेशी निवेश बढ़ाने में मदद मिले।
दोनों पक्षों ने पेंशन और बीमा क्षेत्रों में साझेदारी, नियामक सहयोग, ग्रीनफाइनेंसिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर फंडिंग और भारत में ब्रिटेन की कंपनियों द्वारा निजी निवेश को बढ़ावा देने के नए क्षेत्रों की खोज पर विचार विमर्श किया गया।
इसके साथ ही आज दोनों देशों के वित्त मंत्रियों ने भारत यूके वित्तीय साझेदारी पर श्री उदय कोटक और श्री बिल विंटर्स की सह अध्यक्षता में आयोतित बैठक में भी भाग लिया।
भारत और ब्रिटेन ने वित्तीय सेवाओं पर अपने सहयोग को गहरा करने, एक-दूसरे की ताकत पर निर्माण करने और वित्तीय समावेशन और सतत विकास की दिशा में आपसी आकांक्षाओं का समर्थन करने की प्रतिबद्धता दोहराई। गिफ्ट आईएफएससी में वित्तीय सेवाओं और निवेश को बढ़ावा देने के लिए भारत द्वारा की जा रही गतिविधियों और उसी का समर्थन के लिए ब्रिटेन ने प्रतिबद्धता जतायी।
इस बैठक का फोकस बुनियादी ढांचे के विकास की प्राथमिकताओं, मजबूत फिनटेक साझेदारी और दीर्घकालिक विकास उद्देश्यों के लिए सतत वित्त को आगे बढ़ाने के वास्ते भारत और ब्रिटेन के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान, सहयोग और समर्थन को बढ़ाने पर भी था।
दोनों पक्षों ने व्यापक आर्थिक और बहुपक्षीय मुद्दों पर आपसी सहयोग बढ़ाने पर भी विचार-विमर्श किया। दोनों देशों ने भारत-ब्रिटेन इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस ब्रिज की घोषणा की, जो भारत की राष्ट्रीय इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के समर्थन में विशेषज्ञता और निवेश का लाभ उठाने के लिए एक सहयोगी पहल है।
बैठक में वित्त मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। ब्रिटेन वित्त मंत्रालय, बैंक ऑफ इंग्लैंड और वित्तीय प्राधिकरण के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *