बेंगलुरु। एक बड़े घटनाक्रम के तहत, भाजपा और जद(एस) कर्नाटक में कांग्रेस के खिलाफ आगामी लोकसभा चुनाव में एकजुट होकर लडऩे के संबंध में अंतिम दौर की बातचीत कर रहे हैं। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने पुष्टि की कि पूर्व प्रधानमंत्री और जद (एस) सुप्रीमो एच.डी. देवेगौड़ा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा से मुलाकात कर गोपनीय बातचीत की है।
सूत्र बताते हैं कि जद (एस) 28 में से पांच संसदीय सीटों की मांग कर रही है और भाजपा चार सीटों के लिए बातचीत कर रही है। जद (एस) ने हासन, मांड्या, कोलार, तुमकुरु और बेंगलुरु ग्रामीण सीटों पर जोर दिया। हसन का प्रतिनिधित्व देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना ने किया। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हाल ही में भारत के चुनाव आयोग से संपत्ति के संबंध में जानकारी छिपाने की पृष्ठभूमि में उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था।
मांड्या जद (एस) का मजबूत आधार है, लेकिन भाजपा मौजूदा सांसद सुमलता अंबरीश का समर्थन कर रही है, जिन्होंने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की है। उन्होंने प्रमुख मामलों में बीजेपी को अपना समर्थन दिया था। सूत्रों ने कहा कि भाजपा मांड्या सीट अपने पास रख सकती है और सुमलता अंबरीश को भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ाएगी।
बेंगलुरु ग्रामीण का प्रतिनिधित्व डी.के. सुरेश शिवकुमार द्वारा किया जाता है। डिप्टी सीएम डी.के. के भाई सुरेश शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय का चेहरा बनकर उभरने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
वर्तमान में, दक्षिण कर्नाटक में केंद्रित प्रभावशाली समुदाय देवेगौड़ा और जद (एस) के पीछे लामबंद हो रहा है। शिवकुमार पिछले विधानसभा चुनाव में वोक्कालिगा वोट बैंक पर जद (एस) की पकड़ को तोडऩे में कामयाब रहे थे।
सूत्रों ने कहा कि भाजपा और जद(एस) दोनों को राज्य में कांग्रेस सरकार की मजबूत स्थिति का एहसास हो गया है। यदि वे स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ते हैं, तो कांग्रेस अधिकांश सीटें आसानी से जीत सकती है। इसके अलावा ‘ऑपरेशन हेस्ट’ के तहत कांग्रेस के आक्रामक कदमों से दोनों दल चिंतित और चिंतित हैं।
देवेगौड़ा अपने बेटे पूर्व सीएम एचडी के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। कुमारस्वामी, जिन्हें हाल ही में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कुमारस्वामी की दिल की बड़ी सर्जरी हुई है।
सूत्रों ने कहा कि जद (एस) मांड्या सीट भाजपा के लिए छोड़ सकती है, भले ही यह एक झटका हो।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पार्टी के कदम के बारे में जानकारी है और उन्होंने गठबंधन को हरी झंडी भी दे दी है।
विधानसभा चुनावों में जीत और गारंटी योजनाओं के कार्यान्वयन के दम पर कांग्रेस पार्टी संसदीय चुनावों में 28 में से 20 सीटें जीतने का लक्ष्य बनाकर चल रही है।