नई दिल्ली। मणिपुर में दर्ज दो प्राथमिकियों में एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के कुछ सदस्यों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा के अनुरोध वाली एक याचिका पर उच्चतम न्यायालय बुधवार को सुनवाई के लिए सहमत हो गया है।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की इस याचिका में प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए उल्लेख किया गया था।
प्रधान न्यायाधीश ने गिल्ड की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान से कहा, ”हम मामला स्वीकार होने के बाद इस पर सुनवाई करेंगे।”
दीवान ने कहा कि मणिपुर में गिल्ड सदस्यों के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और वे इन मामलों में दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा का अनुरोध कर रहे हैं।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने चार सितंबर को कहा था कि एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और तीन सदस्यों के खिलाफ एक शिकायत के आधार पर पुलिस में मामला दर्ज किया गया है और उन पर राज्य में ‘संघर्ष भड़काने’ की कोशिश का आरोप है।
मानहानि के अतिरिक्त आरोप के साथ गिल्ड के चार सदस्यों के खिलाफ दूसरी प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी।
एडिटर्स गिल्ड ने शनिवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में मणिपुर में इंटरनेट प्रतिबंध को मीडिया रिपोर्टिंग के लिए नुकसानदेह बताया था तथा मीडिया कवरेज की आलोचना की थी। गिल्ड ने दावा किया था कि मणिपुर में जातीय हिंसा पर मीडिया में आयी खबरें एकतरफा हैं। इसके साथ ही उसने राज्य नेतृत्व पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया था।
जिन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है उनमें एडिटर्स गिल्ड की अध्यक्ष सीमा मुस्तफा और तीन सदस्य – सीमा गुहा, भारत भूषण तथा संजय कपूर शामिल हैं।