कोलकाता। पश्चिम बंगाल के यादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) में मंगलवार को भी तनाव की स्थिति बनी रही, जब छात्र-छात्राओं के एक वर्ग ने कार्यवाहक कुलपति बुद्धदेव साव के खिलाफ प्रदर्शन किया और संस्थान में रैगिंग रोकने के तरीकों पर कोई भी फैसला लेते समय ‘सभी हितधारकों’ के सुझावों को ध्यान में रखने की मांग की।
कार्यवाहक कुलपति जब सोमवार को प्रशासनिक इमारत अरबिंदो भवन से बाहर निकल रहे थे, तब स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) नियंत्रित कला संकाय छात्र संघ के छात्र-छात्राओं ने उन्हें रोका और अपनी मांगें रखीं। करीब दो घंटे बाद साव परिसर से बाहर चले गए।
साव ने बताया कि प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं को समझाने की कोशिश की गई कि सभी हितधारकों की बैठक जल्दबाजी में नहीं बुलाई जा सकती और वह इस सप्ताह तक उनकी चिंताओं को दूर करने की पूरी कोशिश करेंगे।
उन्होंने कहा, “हालांकि, वे चाहते थे कि हितधारकों की बैठक बुलाने के आश्वासन के साथ तुरंत एक लिखित परिपत्र जारी किया जाए।”
साव ने कहा, “मैं सभी हितधारकों की भागीदारी के मुद्दे पर फैसला लेने से पहले कार्यकारी समिति की बैठक आयोजित करने की सुस्थापित प्रक्रिया का पालन करना चाहता था। चूंकि, छात्र-छात्राएं जिद पर अड़े हैं, इसलिए हम बीच का रास्ता निकालेंगे।”
यादवपुर विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं स्नातक के उस छात्र के लिए न्याय की मांग करते हुए दो सप्ताह से अधिक समय से अरबिंदो भवन में धरने पर बैठे है, जिसकी नौ अगस्त को रैगिंग और कथित तौर पर वरिष्ठ छात्रों द्वारा शारीरिक उत्पीड़न किए जाने के बाद मुख्य छात्रावास की दूसरी मंजिल की बालकनी से गिरने के कारण मौत हो गई थी।
हालांकि, कला संकाय छात्र संघ के प्रवक्ता जॉयदृत ने कहा कि कुलपति का घेराव नहीं किया गया था। उन्होंने कहा, “हमने कार्यवाहक कुलपति के साथ जेयू से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की और हम उनसे ठोस आश्वासन चाहते हैं।”
विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि कार्यवाहक कुलपति के अलावा प्रो-वाइस चांसलर अमिताव दत्ता ने भी गतिरोध खत्म करने के लिए छात्र-छात्राओं से बातचीत की।