बलिया। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की कोतवाली पुलिस और साइबर प्रकोष्ठ के संयुक्त दल ने जिला अदालत में नौकरी दिलाने का झांसा देकर धन उगाही करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर मंगलवार को इसके छह सदस्यों को गिरफ्तार किया।
एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) दुर्गा प्रसाद तिवारी ने बताया कि मामले में पुलिस और साइबर प्रकोष्ठ के संयुक्त दल ने जलाल अहमद, जुनैद अहमद, हिमांशु बरनवाल, हातिम ऊर्फ अब्दुल रहमान, सिराजुद्दीन और निहाल सिंह को गिरफ्तार किया।
तिवारी के मुताबिक, पुलिस ने आरोपियों के पास से चार मोबाइल फोन, एक रजिस्टर, तीन उम्मीदवारों की सूची, 10 उम्मीदवारों को भेजी गई प्रति की छायाप्रति, 55 फर्जी नियुक्ति पत्र और दो लैपटॉप भी बरामद किए हैं।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धोखाधड़ी, दस्तावेजों में हेराफेरी और साजिश के अपराध संबंधी धाराओं तथा सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
तिवारी के अनुसार, दीवानी अदालत के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी अशोक कुमार उपाध्याय ने जिला जज के निर्देश पर 25 अगस्त को बलिया शहर कोतवाली के प्रभारी को तहरीर दी थी।
उन्होंने बताया कि तहरीर में कहा गया था कि उपाध्याय के मोबाइल फोन पर गत 23 अगस्त को एक पत्र प्राप्त हुआ, जिस पर जिला जज के हस्ताक्षर हैं, नीचे ‘न्याय विभाग’ लिखा है और ‘इलाहाबाद उच्च न्यायालय’ की मुहर लगी हुई है।
तिवारी के मुताबिक, उपाध्याय ने आरोप लगाया कि हस्ताक्षर और तथ्य फर्जी हैं। उन्होंने बताया कि तहरीर के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की गई।
तिवारी के अनुसार, यह मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस अधीक्षक एस आनंद ने साइबर प्रकोष्ठ और थाना कोतवाली के संयुक्त पुलिस दल का गठन कर मामले की जांच के आदेश दिए।
तिवारी के मुताबिक, आरोपी जिला सत्र न्यायाधीश के फर्जी हस्ताक्षर व उच्च न्यायालय की फर्जी मुहर का प्रयोग करके तैयार किए गए फर्जी नियुक्ति पत्र देकर अवैध वसूली करते हैं।