क्रांति गीत

asiakhabar.com | August 25, 2023 | 5:47 pm IST
View Details

अशोक कुमार यादव मुंगेली
अब हमें चाहिए क्रांति।
दुःख और पीड़ा से शांति।।
अब ना कोई, बेबस होगा।
अब ना कोई, अकेला रहेगा।।
मिलकर सभी काम करेंगे।
जग में ऊँचा नाम करेंगे।।
मिट जाएगी मन की भ्रांति।
अब हमें चाहिए क्रांति।।
दुःख और पीड़ा से शांति।।
बहते आँसूओं को, पोंछना है।
गरीबों को गले, लगाना है।।
अब ना कोई, बेसहारा होगा।
अब ना कोई, खामोश रहेगा।।
सबके चेहरे में आएगी कांति।
अब हमें चाहिए क्रांति।।
दुःख और पीड़ा से शांति।।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *