नई दिल्ली।दिल्ली विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद (ईसी) की 1267 वीं बैठक का आयोजन शुक्रवार, 25 अगस्त को विश्वविद्यालय के कान्वेंशन हाल में हुआ। बैठक की अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह द्वारा की गई। ईसी की बैठक के दौरान विश्वविद्यालय की वित्त समिति की 17 अगस्त, 2023 को आयोजित हुई बैठक में की गई सिफारिशों पर भी विचार उपरांत स्वीकृति प्रदान की गई। इसके तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए विश्वविद्यालय के गैर-लेखापरीक्षित वार्षिक खातों, हॉल और छात्रावास, भविष्य निधि व राष्ट्रीय पेंशन योजना को स्वीकार करके अनुमोदन किया गया। इसके साथ ही भवन निर्माण समिति की अनुशंसाओं को भी स्वीकृत प्रदान की गई। इसके तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए कुछ विभागों के बजट अनुमानों के संशोधन को भी स्वीकार किया गया।
बैठक के दौरान एक सदस्य द्वारा पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ की फीस पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कुलपति ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालय द्वारा वित्तीय सहायता योजना के तहत फीस में 90% तक छूट का प्रावधान रखा गया है। उन्होंने बताया कि जिन विद्यार्थियों के माता-पिता की आय चार लाख रुपये या उससे कम है, उन्हें फीस में 90 प्रतिशत छूट दी जाएगी। जिन विद्यार्थियों के माता-पिता की आय चार से आठ लाख रुपए तक है, उन्हें फीस में 50 प्रतिशत छूट है। कुलपति ने बताया कि पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ के विद्यार्थियों को लैपटॉप के लिए भी विश्वविद्यालय की ओर से 50 हजार रुपए तक प्रतिपूर्ति की जाएगी।
केंद्रीय मूल्यांकन केंद्रों (सीईएस) में लगे विभिन्न स्तरों के कर्मचारियों को देय पारिश्रमिक की दरों में संशोधन के लिए गठित समिति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए कार्यकारी परिषद द्वारा उनका भी अनुमोदन किया गया। इसी तरह प्रैक्टिकल परीक्षाओं के संचालन के लिए विभिन्न स्तरों पर देय पारिश्रमिक की दरों में संशोधन को स्वीकार किया गया और समिति के इस निर्णय को भी स्वीकृति प्रदान की गई कि जहां भी ‘वार्षिक’ शब्द आ रहा है, उसे ‘सेमेस्टर’ के रूप में पढ़ा जा सकता है।
ईसी की बैठक के दौरान 11 अगस्त को आयोजित हुई अकादमिक परिषद (एसी) की 1015 वीं बैठक में की गई सिफारिशों पर विचार किया गया। इसके तहत अंडर ग्रेजुएट कुर्रीकुलम फ्रेमवर्क- 2022 (यूजीसीएफ़-2022) के अनुसार विभिन्न विभागों एवं कॉलेजों के लिए चौथे, पांचवें और छटे स्मेस्टर के सिलेबस को भी स्वीकृति प्रदान की गई। ईसी की बैठक के दौरान दूरस्थ एवं सतत शिक्षा विभाग के अंतर्गत स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) के विद्यार्थियों के लिए भी यूजीसीएफ़-2022 के अनुसार स्व-शिक्षण सामग्री (एसएलएम) को स्वीकार किया गया। परिषद ने यह भी निर्णय लिया कि अकादमिक परिषद के सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों के आलोक में एसओएल की स्व-शिक्षण सामग्री (एसएलएम) की समीक्षा एक विशेषज्ञ समूह द्वारा की जाएगी। अपडेटड/ संशोधित एसएलएम को अकादमिक परिषद की अगली बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। इसके साथ ही शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ प्रोग्राम के एससी/एसटी और पीडब्ल्यूबीडी विद्यार्थियों के लिए प्रस्तावित पंजीकरण शुल्क को 1200 रुपये से घटा कर 1000 रुपये तय किया गया।
पीएचडी. गाइडिंग के संदर्भ में सीएएस के तहत पदोन्नति के लिए पात्रता मानदंड को भी यूजीसी के निर्णय के अनुसार अनुमोदित कर दिया गया। इसके तहत योग्य स्थायी संकाय सदस्य अपनी परिवीक्षा अवधि के दौरान भी पीएचडी स्कॉलर को गाइड कर सकते हैं।
डूसू चुनाव में 3 वर्ष की छूट
विभिन्न छात्र यूनियनों द्वारा की गई मांग के अनुसार डूसू चुनाव लड़ने और मतदान करने के लिए उम्र में 3 वर्ष की छूट दी गई है। इस वर्ष यूजी विद्यार्थियों के लिए अधिकतम आयु सीमा को 22 वर्ष से बढ़ाकर 25 वर्ष और पीजी विद्यार्थियों के लिए 25 वर्ष से बढ़ाकर 28 वर्ष तक किया गया है। यह छूट केवल एक बार के लिए होगी।
मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम में होगा वैदिक गणित
मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम (वीएसी) समिति की सिफ़ारिशों को स्वीकार करते हुए शैक्षणिक वर्ष 2022-2023 से यूजीसीएफ-2022-23 के तहत वैदिक गणित- III, वैदिक गणित- IV और वैक: राष्ट्रीय कैडेट कोर-III मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रमों को भी लागू किए जाने को स्वीकृत प्रदान की गई। इनके अतिरिक्त अनुसंधान संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के रिसर्च एंड डेव्लपमेंट सेल (आरडीसी) की संगठनात्मक संरचना हेतु भी विभिन्न समितियों के गठन को भी अनुशंसित किया गया। एक आरडीसी सलाहकार समिति होगी जिसके साथ पाँच अलग-अलग समितियां होंगी।
स्किल एनहांसमेंट कोर्सों से सक्षम बनेंगे विद्यार्थी: कुलपति
ईसी की इस बैठक के दौरान यूजीसीएफ-2022 के अनुरूप स्किल एनहांसमेंट कोर्सेज (एसईसी) के पेपर आधारित पाठ्यक्रम भी मंजूर किए गए। इनमें बेसिक ऑफ फूड साइंस एंड न्यूट्रिशन, बेसिक ऑफ फोरेंसिक साइंस, बेसिक लैबोरेटरी टेक्निक्स, पब्लिक हैल्थ हाइजीन एंड न्यूट्रिशन, ला टेक्स टाइपसेटिंग फॉर बिगनर्स, मैथमेटिकल मॉडलिंग विद एक्सेल, फ़ाइनेंसियल मॉडलिंग विद एक्सेल, नेटवर्क फ्लोव्स, आर-शिनी: पावरफुल वेब एप्प्स फॉर एवरीवन और स्पोकन पर्शियन: एलेमेंट्री लेवेल जैसे पाठ्यक्रम शामिल हैं। कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि इन कोर्सों के बाद विद्यार्थी खाद्य और औषधि मूल्यांकन केंद्रों सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्लेसमेंट पाने में सक्षम हो सकेंगे। यही नहीं वे अपना स्वयं का व्यवसाय/उद्यम स्थापित करने में भी सक्षम होंगे।
फाइन आर्ट्स में भी होगी पीएचडी
संगीत एवं ललित कला संकाय द्वारा सत्र 2023-2024 से फाइन आर्ट्स में पीएचडी शुरू करने को भी मंजूरी दी गई। ईसी द्वारा इसके लिए नियम भी पारित कर दिये गए। नियमों के अनुसार कार्यक्रम में बने रहने और शोध प्रबंध/थीसिस जमा करने के लिए पात्र होने हेतु एक पीएचडी स्कॉलर को पाठ्यक्रम कार्य में न्यूनतम 55% अंक या 9 क्रेडिट या यूजीसी 7-पॉइंट स्केल में इसके समकक्ष ग्रेड (या जहां भी ग्रेडिंग प्रणाली का पालन किया जाता है, वहां पॉइंट स्केल में समकक्ष ग्रेड/सीजीपीए) प्राप्त करना होता है। प्रति क्रेडिट शिक्षण कार्य 04 घंटे का है।
76 सीटों के साथ शुरू होगा एमबीए बिजनेस एनालिटिक्स
कॉमर्स विभाग में शुरू किया जा रहा नया प्रोग्राम एमबीए (बिजनेस एनालिटिक्स) 76 सीटों के साथ शुरू होगा। इनमें 40.50% अनारक्षित, 27% ओबीसी, 15% एससी, 7.5% एसटी और 10% ईडब्ल्यूएस कोटे को मिलकर कुल 60 सीटें होंगी। इनके अलावा सुपरन्यूमैरेरी कोटे के तहत 5% सीडब्ल्यू , 5% पीडब्ल्यूबीडी और विदेशी विद्यार्थियों के लिए 10 % कोटा होगा। विश्वविद्यालय के नियम और गाइडलाइन्स के अनुसार 4 सीटें पीजी वार्ड कोटा के तहत होंगी जिनमें 2 टीचिंग और 2 नॉन टीचिंग के लिए रहेंगी। इस प्रकार कुल 76 सीटें इस प्रोग्राम में रखी गई हैं।
इंटर्नशिप, अप्रेंटिसशिप और कम्यूनिटी आउटरीच
यूजीसीएफ 2022 के तहत सेमेस्टर 3 से 6 तक लागू इंटर्नशिप, अप्रेंटिसशिप और कम्युनिटी आउटरीच के दिशानिर्देशों को भी स्वीकृति प्रदान की गई। इसके तहत अप्रेंटिसशिप/इंटर्नशिप शुरू करने से पहले कॉलेज को विषय विशिष्ट वाणिज्यिक और गैर-व्यावसायिक संगठनों या उद्यमों और उद्योग के साथ एक पूर्व एमओयू साइन किया होना चाहिए। उपलब्ध सुविधा और बुनियादी ढांचे के अनुसार कॉलेज अप्रेंटिसशिप/इंटर्नशिप प्रशिक्षण के लिए सीटों की संख्या तय कर सकता है। एसईसी की तरह, किसी भी विभाग/प्रोग्राम का कोई भी विद्यार्थी किसी भी प्रस्तावित आईएसी का विकल्प चुन सकता है। आईएसी की प्रत्येक श्रेणी एसईसी की तरह 02 क्रेडिट के बराबर होगी।
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