नई दिल्ली। प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी ने जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान विश्व के कुछ नेताओं को भारतीय विरासत को दर्शाने वाली कलाकृतियां और पारंपरिक वस्तुएं उपहार स्वरूप भेंट की।
अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा को तेलंगाना की ‘सुराही’ और उनकी पत्नी एवं मेजबान देश की प्रथम महिला को नगालैंड की पारंपरिक शॉल भेंट की।
उन्होंने कहा कि यह ‘बिडरी फूलदान’ विशुद्ध रूप से एक भारतीय नवाचार है, जो कर्नाटक के शहर बीडर की विशेषता है। यह जस्ता, तांबा और अन्य अलौह धातुओं के मिश्रण से बना होता है। इस पर सुंदर पैटर्न उत्कीर्ण किए जाते हैं और शुद्ध चांदी के तार के लगाए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि इसके बाद ढलाई को बीडर किले की विशेष मिट्टी के साथ मिश्रित घोल में भिगोया जाता है, जिसमें विशेष ऑक्सीकरण गुण होते हैं। उन्होंने कहा कि इससे जस्ता मिश्रित धातु चमकदार काले रंग में बदल जाती है और चांदी की परत काले रंग की पृष्ठभूमि के साथ बेहद खूबसूरत लगती है।
उपहार में चांदी की ‘नक्काशी’ भी थी, जिसके पैटर्न पहले कागज पर खींचे जाते हैं और फिर चांदी की चादरों पर स्थानांतरित किए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि नगा शॉल वस्त्र कला का एक उत्कृष्ट रूप है जो भारत के पूर्वोत्तर भाग में नगालैंड में जनजातियों द्वारा सदियों से बुनी जाती रही है।
ये शॉल अपने जीवंत रंगों, जटिल डिजाइन और पारंपरिक बुनाई तकनीकों के उपयोग के लिए जानी जाती हैं।
अधिकारियों ने कहा कि प्रत्येक नगा शॉल एक अनूठी कहानी बताती है, जो जनजाति के इतिहास, मान्यताओं और जीवन के तरीके को दर्शाती है।
मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा को मध्य प्रदेश की गोंड पेंटिंग उपहार में दी।
अधिकारियों ने कहा कि गोंड पेंटिंग सबसे लोकप्रिय आदिवासी कलाकृतियों में से एक हैं। उन्होंने कहा कि बिंदुओं एवं रेखाओं द्वारा बनाए गए ये चित्र, गोंड समुदाय की दीवारों और फर्श पर चित्रात्मक कला का एक हिस्सा रहे हैं।