वाशिंगटन। चांद पर चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक उतरने के लिए अमेरिकी राजनेताओं, समाचार पत्रों और अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थानों ने बुधवार को भारत की सराहना की। इस उपलब्धि के साथ ही भारत, अमेरिका, रूस और चीन के साथ उस विशिष्ट सूची में शामिल हो गया, जिनके पास चंद्रमा की सतह पर अपना रोवर है।
अंतरिक्ष अभियान में बड़ी छलांग लगाते हुए भारत का चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा, जिससे देश चांद के इस क्षेत्र में उतरने वाला दुनिया का पहला तथा चंद्र सतह पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का मानना है कि चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में पानी का पता चल सकता है।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ”चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक और ऐतिहासिक लैंडिंग के लिए भारत को बधाई।”
हैरिस ने कहा, ”इस मिशन में शामिल सभी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के लिए यह एक अविश्वसनीय उपलब्धि है। हमें इस मिशन और अंतरिक्ष खोज में आपके साथ व्यापक रूप से जुड़े रहने पर गर्व है।” उपराष्ट्रपति हैरिस ‘नेशनल स्पेस काउंसिल’ की प्रमुख भी हैं। हैरिस की मां भारतीय थीं।
इस साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिका दौरे में अंतरिक्ष सहयोग, चर्चा के प्रमुख विषयों में से एक था। मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत ने आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और साथ ही दोनों देशों ने मिलकर एक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को लेकर काम करने का फैसला किया था।
नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने कहा, ”चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग पर इसरो को बधाई। भारत को चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान की सफलतापूर्वक सॉफ्ट-लैंडिंग करने वाला चौथा देश बनने पर बधाई। हम इस मिशन में आपके भागीदार बनकर खुश हैं।”
चंद्रयान-3, बुधवार शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतर गया। अभी तक कोई भी अन्य देश चांद के दक्षिणी ध्रुव पर नहीं पहुंच पाया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि दक्षिणी ध्रुव पर जमे हुए पानी और बहुमूल्य तत्वों के महत्वपूर्ण भंडार हो सकते हैं। दक्षिणी ध्रुव पर जा रहा रूस का लूना-25 अंतरिक्ष यान रविवार को अनियंत्रित होकर चंद्रमा की सतह से टकराने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
न ड्रेहले ने लिखा है ”यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की एक अतुलनीय उपलब्धि और भूराजनीति में महत्वपूर्ण बल का एक प्रतीक भी है। उसी जगह पर उतरने का रूस का प्रयास हाल ही में विफल होना उसी तरह था मानो रूस के पतन में और तेजी आ गई हो। इसके बाद भारत ने यह उपलब्धि हासिल कर ली।”
द वाल स्ट्रीट जर्नल ने लिखा ”भारत चंद्रमा पर : चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक उतरा”।