लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि स्ट्रीट वेंडर को बैंक से जोड़ने के बाद कर्ज के बदले उत्पीड़न की प्रथा पर पूरी तरह विराम लग चुका है और आज कोई गुंडा टैक्स वसूलने की हिम्मत नहीं कर सकता है।
पीएम स्वनिधि एवं स्वयं सहायता समूह ऋण योजना के तहत 11000 लाभार्थियों के ऋण वितरण कार्यक्रम में योगी ने कहा कि प्रदेश के 15 लाख स्ट्रीट वेंडर्स पीएम स्वनिधि का लाभ उठा रहे हैं जबकि इन्हीं वेंडर्स को वर्ष 2020 से पहले अपना काम शुरू करने के लिए साहूकार से पैसा लेना पड़ता था। साहूकार इनकी मजबूरी का फायदा उठाकर हजार रुपये के बदले बारह से पंद्रह सौ रुपये लेते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्ट्रीट वेंडर्स को बैंक से जोड़ते हुए उनके लिए ब्याज मुक्त कर्ज की व्यवस्था की। आज स्ट्रीट वेंडर्स को स्वनिधि के जरिये दस हजार रुपये की पहली किस्त के रूप में दिये जा रहे हैं। वहीं इसका भुगतान करने पर बीस हजार की दूसरी और पचास हजार की तीसरी किस्त दी जा रही है, जिसका लाभ उठाकर स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर बन रहे हैं।
उन्होने कहा कि पिछले छह वर्षों के अंदर प्रदेश में वृहद रूप से सफाई अभियान चलाया गया। इस अभियान के जरिये केवल माफियाओं की ही सफाई नहीं हुई बल्कि गंदगी की भी सफाई हुई है। यह विशेषता उत्तर प्रदेश ने ही हासिल की है। पहले गुंडे स्ट्रीट वेंडर्स से गुंडा टैक्स वसूलते थे। वहीं आज कोई गुंडा टैक्स वसूलने की हिम्मत नहीं कर सकता है। प्रदेश सरकार हर तरह की सफाई पर विशेष ध्यान दे रही है। इस दौरान उन्होंने लगभग एक दर्जन स्ट्रीट वेंडर्स और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को ऋण की चेक सौंपीं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्ट्रीट वेंडर्स के लिए कभी कोई योजना नहीं बनायी गयी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके इस दर्द को समझा और पीएम स्वनिधि योजना उनके लिए लेकर आए। इसी का नतीजा है कि आज पीएनबी इस योजना से जुड़ा है। अब तक पीएनबी दो लाख लोगों को इस सुविधा से जोड़ चुका है। आज 11000 लोगों को अकेले उत्तर प्रदेश में यह सुविधा दी जा रही है। वहीं प्रदेश सरकार ने स्वनिधि योजना से जुड़े स्ट्रीट वेंडर्स को पांच लाख के सुरक्षा बीमा की सौगात दी है ताकि उनके परिवार को किसी तरह की कोई समस्या न हो। यह वही सरकार कर सकती है तो गरीब की पीड़ा को समझती है और उनके साथ खड़ी होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम स्वनिधि योजना महिला सशक्तिकरण और उनके स्वावलंबन का आधार है क्योंकि ज्यादातर महिलाएं ही घर का काम निपटा कर ठेला लगाती हैं। आज कार्यक्रम में नगरीय क्षेत्र की 6 लाख महिला स्वयं सहायता समूह की 2000 बहनों को रिवाल्विंग फंड की 10000 की पहली किस्त जारी की गई है। वहीं दो महिला स्वयं सहायता समूह को 600000 की राशि दी गयी, जो डेयरी सेक्टर से जुड़ेंगी। प्रदेश की आधी आबादी को सशक्त बनाने के लिए टेक होम राशन योजना के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जोड़ा गया है। इससे जहां भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है, वहीं समूह की महिलाएं अपनी अतिरिक्त आय कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहीं हैं।