वायु सेना में शामिल हुए इजराइली हेरॉन मार्क-2 ड्रोन, पाकिस्तान और चीन पर नजर

asiakhabar.com | August 13, 2023 | 4:31 pm IST

नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना में इजराइली हेरॉन मार्क-2 ड्रोन को शामिल किया गया है। एक बार संचालित होने पर लंबे समय तक उड़ने वाले यह ड्रोन एक ही उड़ान में पाकिस्तान और चीन दोनों के साथ पूरी सीमाओं को कवर करने की क्षमता रखते हैं। इसलिए इन्हें उत्तरी क्षेत्र में एक फॉरवर्ड एयर बेस से संचालित किया जा रहा है। इस स्क्वाड्रन को ‘वार्डन ऑफ द नॉर्थ’ के रूप में जाना जाता है। आने वाले दिनों में इसे तीनों सेनाओं के लिए तैयार किया जाएगा ताकि जरूरत पड़ने पर दोनों दुश्मन के खिलाफ एक साथ आक्रामक हमला किया जा सके।
उपग्रह संचार लिंक से लैस हेरॉन ड्रोन मार्क-2 को हाल ही में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया है। सेटेलाइट से नियंत्रित होने वाला हेरॉन ड्रोन 250 किलोग्राम हथियार लेकर उड़ सकता है। भारतीय वायु सेना अब ‘मेक इन इंडिया’ के तहत अपने प्रोजेक्ट चीता को आगे बढ़ाने की योजना बना रही है। इन्हें उत्तरी क्षेत्र में एक फॉरवर्ड एयर बेस पर तैनात किया गया है। हेरॉन मार्क-2 ड्रोन का संचालन करने वाली स्क्वाड्रन को ‘वार्डन ऑफ द नॉर्थ’ के रूप में जाना जाता है। इस स्क्वाड्रन से एकसाथ चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर निगरानी मिशन चलाया जा रहा है।
वायु सेना के एक अधिकारी ने बताया कि उपग्रह संचार लिंक से सुसज्जित यह भारतीय सशस्त्र बलों में सबसे उन्नत ड्रोन हैं। भारतीय वायु सेना में शामिल किये गये चार नए हेरॉन मार्क-2 ड्रोन लंबी दूरी की मिसाइलों और अन्य हथियार प्रणालियों से लैस हैं। उन्होंने कहा कि लंबी दूरी के राडार और सेंसर, एंटी-जैमिंग क्षमता और 35 हजार फीट की ऊंचाई तक पहुंचने की क्षमता के साथ हेरॉन ड्रोन एलएसी के पास सभी प्रकार की खुफिया जानकारी इकट्ठा करने में सक्षम होंगे। इन्हें इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) ने सभी मौसमों के रणनीतिक मिशनों के लिए विकसित किया है।
इनकी खरीद रक्षा बलों को दी गई आपातकालीन वित्तीय शक्तियों के तहत की गई है। चीन के साथ जारी संघर्ष के बीच रक्षा बलों को अपनी युद्धक क्षमताओं को उन्नत करने के लिए आपातकालीन वित्तीय शक्तियां दी गई हैं। इन्हीं शक्तियों का उपयोग करते हुए भारतीय वायु सेना ने भी बड़ी संख्या में टैंक-रोधी निर्देशित मिसाइलें, लंबी दूरी की सटीक-निर्देशित तोपखाने के गोले के साथ-साथ हैमर एयर-टू-ग्राउंड स्टैंड ऑफ मिसाइलों को लगभग 70 किमी. स्ट्राइक रेंज के साथ हासिल किया है। अब अगर चीन की सेना लद्दाख सीमा के इस पार या उस पार भारत के खिलाफ कोई ‘नापाक’ हरकत करेगी, तो तुरंत पता चल जाएगा।
इजरायल से लिए गये हेरॉन ड्रोन्स कई खूबियों से लैस है। आने वाले दिनों में अगर भारतीय सेनाएं बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक की तर्ज पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों का खात्मा करना चाहें, तो इसके लिए सेना को वहां घुसकर ऑपरेशन करने की ज़रूरत नहीं होगी। अमेरिका ने जिस तरह ड्रोन स्ट्राइक में अलकायदा के चीफ अल जवाहिरी और दुनिया के कई दूसरे देशों में अपने दुश्मनों को ढेर किया था, अब भारतीय वायु सेना को भी गेम चेंजर हथियार हेरॉन ड्रोन मार्क-2 मिल गया है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *