भोपाल को झीलों की नगरी कहा जाता है. अपनी हरियाली, खूबसूरत तालाबों और भव्य मस्जिदों के लिए भोपाल काफी प्रसिद्ध है. यहां के समृद्ध इतिहास का पता यहां पाए जाने वाले शैल चित्रों से लगता है, जो कि 30,000 साल पुराना है. ये सभी पुरानी धरोहरें आधुनिक वास्तुकला का एक मिश्रण हैं. यहां हम भोपाल के ऐसे पर्यटक स्थलों के बारे में बता रहे हैं, जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं.
ट्राइबल म्यूजियम
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित यह म्यूजियम, पूरे देश में एक मात्र ट्राइबल म्यूजियम है, जो भोपाल के श्यामला पहाड़ी पर मौजूद है. इस संग्रहालय का उद्देश्य मध्यप्रदेश की जनजातियों और उनकी जीवनशैली से लोगों को रुबरु कराना है. इस म्यूजियम में छह जनजातियों की जीवनशैली को दर्शाया गया है.
अपर लेक
अपर लेक को बड़ा तालाब भी कहा जाता है. यह तालाब एशिया की सबसे बड़ी कृत्रिम झील के रूप में भी जाना जाता है. यह भोपाल के पश्चिमी हिस्से में स्थित है. भोपाल वासियों के लिए यह पीने के पानी का सबसे मुख्य सोर्स है. इस तालाब की खूबसूरती खुद में सब कुछ कह जाती है. शाम को यहां का नजारा देखने लायक होता है.
वन विहार नेशनल पार्क
भोपाल घूमने आने वालों के लिए यह एक बड़ा आकर्षण का केंद्र है. यह पांच किलोमीटर में फैला हुआ है. यह नेशनल पार्क एक तरफ पहाड़ी और दूसरी तरफ बड़ी झील से घिरा हुआ है. यहां आप बाघ से लेकर मगरमच्छ तक देख सकते हैं.
भोजपुर का शिव मंदिर
भोपाल से इसकी दूरी 32 किलोमीटर है. यह भोजपुर शिव मंदिर या भोजेश्वर मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. भोजपुर के इस मंदिर का निर्माण राजा भोज द्वारा करवाया गया था. यहां 22 फीट उंचा शिवलिंग है.