आज के डिजिटल युग में स्मार्टफोन न केवल शौक बल्कि जरूरत भी बन गया है। ऑनलाइन शॉपिंग, बिल भुगतान, टिकट बुकिंग, सरकारी योजनाओं की जानकारी, ईमेल आदि सभी कुछ इस छोटे से यंत्र में समा चुका है। सही मायनों में काफी हद तक इसने कंप्यूटर को भी रिप्लेस कर दिया है। बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण आज मोबाईल के दाम काफी कम हो गए हैं।
अगर आप भी स्मार्टफोन खरीदना चाहते हैं या अपने पुराने फोन को बदलना चाहते हैं तो जरूरी है कि कुछ विशेष बातों पर ध्यान दें जैसेकि कंपनी, हार्डवेयर, आॅपरेटिंग सिस्टम, फीचर्स, रैम, मेमोरी, बैट्री, आफ्टर सेल्स सर्विस आदि ताकि आपके पैसों की सही कीमत मिले तथा भविष्य में आपको परेशानी भी न उठानी पड़े। कम कीमत में अधिक फीचर्स व स्पेसिफिकेशन्स पाने के लिए स्मार्टफोन का चुनाव करते समय पांच बातों का ध्यान रखें…
साइज
आप अपनी सुविधानुसार 4-5 इंच का फोन चुन सकते हैं। चूंकि इससे बड़े साइज के फोन को रखना असुविधाजनक हो सकता है। अल्मोड व आईपीएस डिस्प्ले अच्छी मानी जाती है। 5 इंच से बड़ी डिस्प्ले एचडी (720गुणा1280) तो 5 इंच तक की डिस्प्ले फुल एचडी (1920गुणा1080) होनी अच्छी मानी जाती है।
प्रोसेसर, रैम व मेमोरी
फोन ऑक्टासकोर या क्वाडकोर प्रोसेसर और कम से कम 2 जीबी रैम वाला हो। फोन की इंटरनल मेमेारी कम से कम 16 जीबी हो व उसमें मेमोरी काॅर्ड स्लाॅट भी हो तो अच्छा रहेगा।
ऑपरेटिंग सिस्टैम
बाजार में एंड्रायड, विंडोज व आईओएस ऑपरेटिंग सिस्ट्म और फायरफॉक्सच, सायोनोजे़न आदि साफ्टवेयर वाले फोन मिल रहे हैं। नये वर्जन वाले ओएस का फोन लें जैसे हो सके तो एंड्रायड 5.0 लॉलीपॉप वर्जन लें। चैक करें कि भविष्य में उसमें कोई अपग्रेड मिलेगा या नहीं। आईओएस वाले आईफोन काफी महंगे और इसके सभी एप्स पेबेल होने से एंड्रायड या विंडोज वाले फोन पर जा सकते हैं। एंड्रायड फोन में एप्स काफी मिल जाते हैं वो भी मुफ्त जबकि विंडोज फोन में आवश्यकतानुसार कम ही एप्स होते हैं।
कैमरा, बैटरी व कनेक्टिीविटी
फोटोग्राफी का शौक है तो फोन का कैमरा 8-13 मेगापिक्सल का लें। कैमरे की गुणवत्ता, एलईडी फ्लैश और अन्य कैमरा फीचर्स को भी अच्छे से चैक कर लें। बैटरी कम से कम 2800 एमएएच की हो तो अच्छा रहेगा। यदि आप टूर पर रहते हैं तो रिमूवेबल बैटरी वाला फोन लें ताकि बैटरी रिपलेक्स की जा सके। अपनी सुविधा एवं बजट के हिसाब से फोन डबल सिम, सी.डी.एम.ए., जी.एस.एम., 3जी, 4जी आदि चुनें।
वारंटी व सर्विस सेंटर
अधिकतर फोन एक साल की वारंटी के साथ मिलते हैं। पर घर के पास सर्विस सेंटर का न होना या फिर सपोर्टिंग रेप्युटेशन ठीक न होने पर वारंटी का भी कोई महत्व नहीं रहता। फोन एक्सेसरीज और मार्केट में स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता आदि को अच्छे से चैक कर लें। हो सके तो मोबाइल की डमी से उसकी लुक, डिजाइन, बिल्ड क्वालिटी, पोट्र्स व बटन प्लेसमेंट आदि को पहले से ही देखकर जांच लें।