चंडीगढ़। हरियाणा और पंजाब में जुलाई में औसत से 40 फीसदी से अधिक बारिश हुई, जबकि दोनों राज्यों की साझा राजधानी चंडीगढ़ में 170 फीसदी ज्यादा पानी बरसा।
यहां मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि जुलाई में हरियाणा में 59 प्रतिशत, जबकि पंजाब में 44 प्रतिशत अतिरिक्त बारिश हुई।
दोनों राज्यों के कई हिस्से हाल में बाढ़ की चपेट में रहे।मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों राज्यों की साझा राजधानी चंडीगढ़ में जुलाई में 170 फीसदी अतिरिक्त बारिश हुई।
उन्होंने बताया कि इस अवधि में सामान्य रूप से 273.2 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन चंडीगढ़ में 738.7 मिलीमीटर पानी बरसा। जुलाई 2023 में शहर में 24 घंटे की अवधि में अब तक की सर्वाधिक 302.2 मिलीमीटर बारिश भी दर्ज की गई।
अधिकारी के मुताबिक, हरियाणा में जुलाई में औसत 149.1 मिलीमीटर के मुकाबले 237.1 मिलीमीटर बारिश हुई, जो 59 प्रतिशत अधिक है। इस दौरान पंजाब में औसत 161.4 मिलीमीटर की तुलना में 231.8 मिलीमीटर बारिश हुई, जो 44 प्रतिशत अधिक है।
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा के किसी भी जिले में जुलाई में कम बारिश नहीं दर्ज की गई और पंचकूला तथा यमुनानगर जिलों में सबसे अधिक बारिश हुई।
पंचकूला में इस दौरान 681.1 मिलीमीटर पानी बरसा, जो सामान्य से 111 फीसदी अधिक है। इसी तरह, यमुनानगर में 681.1 मिलीमीटर बारिश हुई, जो सामान्य से 75 फीसदी ज्यादा है।
अंबाला में 75 फीसदी, जबकि कुरुक्षेत्र में 276 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई। हरियाणा के जिन अन्य जिलों में जुलाई में अधिक बारिश हुई, उनमें पानीपत (98 फीसदी), करनाल (97 फीसदी), कैथल (92 फीसदी) और गुरुग्राम (24 फीसदी) शामिल हैं।
आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब के फिरोजपुर में 165 प्रतिशत अधिक बारिश हुई, जबकि फरीदकोट में 256.2 मिलीमीटर और मोहाली में 472.6 मिलीमीटर ज्यादा पानी बरसा। पटियाला और रूपनगर में क्रमश: 71 प्रतिशत और 107 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई। वहीं, तरनतारन और जालंधर में जुलाई में क्रमश: 151 फीसदी और 34 फीसदी अधिक बारिश हुई।
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस दौरान पंजाब के कुछ जिलों में कम बारिश भी दर्ज की गई। बरनाला में सामान्य 122.1 मिलीमीटर के मुकाबले 29 फीसदी कम यानी 86.6 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि फाजिल्का और मुक्तसर में क्रमश: 58 प्रतिशत और 60 प्रतिशत कम पानी बरसा।
पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में पिछले महीने आई बाढ़ में 80 से अधिक लोगों की मौत हो गई तथा फसलों एवं संपति को भारी नुकसान पहुंचा।