17 Nov नई दिल्ली। पिछले साल 8 नवंबर को नोटबंदी करने के बाद सरकार लगातार डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दे रही है। इसी को लेकर अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ के जनरल सेक्रेटरी प्रवीण खंडेलवाल ने कहा है कि केंद्र सरकार आने वाले दिनों में चेक से लेनदेन बंद कर सकती है।
उनका कहना है कि सरकार ऐसा क्रेडिट और डेबिट कार्ड के अलावा हर तरह की डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए कर सकती है। खंडेलवाल के अनुासर अगर सरकार चेक से लेनदेन बंद करती है तो इससे वो कैशलेस अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ सकती है।
खंडेलवाल ने बताया कि अभी सरकार नोट की छपाई पर 25000 करोड़ रुपए खर्च करती है, वहीं इन नोटों की सुरक्षा पर 6000 करोड़ खर्च किए जाते हैं और इस तरह उनकी छपाई और रखरखाव में कुल 31 हजार करोड़ खर्च होते हैं। कैशलेस ईकोनॉमी की तरफ जाने से इस खर्च में कमी आएगी।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ाना चाहती है तो फिर डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स पर लगने वाले चार्जेस भी खत्म करने होंगे।