Nov 17 हरारे। सरकारी अखबार “जिम्बाब्वे हेराल्ड” ने राष्ट्रपति राबर्ट मुगाबे (93) और उन्हें नजरबंद करने वाले सेना कमांडर के बीच मुलाकात की एक तस्वीर प्रकाशित की है। इसे राजनीतिक उथल-पुथल का समाधान निकालने की दक्षिणी अफ्रीकी प्रतिनिधिमंडल और कैथोलिक पादरी के साथ बातचीत का हिस्सा माना जा रहा है।
माना जा रहा है कि जिम्बाब्बे में अब राबर्ट मुगाबे का 37 वर्ष पुराना शासन खत्म होने जा रहा है। अखबार द्वारा प्रकाशित तस्वीर में मुगाबे और सेना कमांडर हाथ मिलाते नजर आ रहे हैं। इस फोटो में प्रथम महिला ग्रेस मुगाबे नजर नहीं आ रही हैं, जिनके एकदम से बढ़े राजनीतिक कद ने कई लोगों को आशंकित किया था। उन्हें लगता था कि वह अपने पति का स्थान ले सकती हैं।
इस बीच, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा ने संसद को संबोधित करते हुए कहा कि राजनीतिक स्थिति बहुत ही जल्द साफ हो जाएगी। वहीं, एक राजनीतिक विश्लेषक ने बताया कि मुगाबे के सत्ता से हटने संबंधी बातचीत किसी न किसी निष्कर्ष पर पहुंच गई है और अब यह कुछ घंटों या कुछ दिनों की बात है। दरअसल, बहुत से अफ्रीकी मुगाबे को अब भी आजादी के हीरो के तौर पर देखते हैं। यही वजह है कि सेना भी सत्ता से उनकी सम्मानजनक विदाई चाहती है।
1980 में अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद से ही राबर्ट मुगाबे जिम्बाब्वे की सत्ता पर काबिज हैं। अब इस बात के कयास भी लगाए जा रहे हैं कि सत्ता से हटने के बाद मुगाबे कहां जाएंगे। माना जा रहा है कि इसका फैसला उनके स्वास्थ्य कारणों से ही होगा। मुगाबे सिंगापुर में अपना इलाज कराते रहे हैं।
इस बीच, ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में कैंसर का इलाज करा रहे विपक्षी नेता मॉर्गन स्वानगिराई बुधवार को हरारे पहुंच गए। मालूम हो कि जिम्बाब्वे में अगले साल चुनाव होने हैं। उधर, जिम्बाब्वे की सिविल सोसायटी संगठनों और विपक्ष ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। करीब 100 सिविल सोसायटी संगठनों ने भी मुगाबे से शांतिपूर्वक सत्ता से हटने की अपील की। उन्होंने सेना से जल्द सामान्य स्थिति और संविधान के सम्मान को बहाल करने का अनुरोध किया।
हरारे की सड़कों पर सेना तैनात –
राजधानी हरारे की सड़कों पर सेना तैनात है, जहां स्थिति नियंत्रण में लेकिन तनावपूर्ण है। श्रम संगठनों ने श्रमिकों से अपने काम पर जाने को कहा है। हरारे में लोग रोजमर्रा की तरह काम पर जा रहे हैं।
दूतावासों ने जारी की एडवाइजरी –
जिम्बाब्वे में अमेरिकी दूतावास ने देश में रह रहे अपने नागरिकों को एडवाइजरी जारी कर कहा है कि वे अनावश्यक रूप से इधर-उधर जाने से बचें। वहीं, ब्रिटिश दूतावास ने अपने नागरिकों से बड़ी संख्या में एकत्रित होने और विरोध प्रदर्शनों से बचने के लिए कहा है।