17 Nov नई दिल्ली। महेंद्रसिंह धोनी ने इस वर्ष की शुरुआत में सीमित ओवरों के प्रारूप में भारत की कप्तानी छोड़ी थी। धोनी की गिनती भारत के सबसे सफल कप्तानों में की जाती है।
टीम इंडिया की कप्तानी करना सबसे मुश्किल काम है और धोनी दुनिया के एकमात्र ऐसे कप्तान है जिनके नेतृत्व में टीम ने आईसीसी के तीनों प्रमुख टूर्नामेंट्स की ट्रॉफी हासिल की। उनके नेतृत्व में भारत ने 2007 में टी20 विश्व कप, 2011 में वनडे विश्व कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्जा जमाया।
धोनी को आश्चर्यजनक रूप से 2007 में भारत का कप्तान बनाया गया था, उस वक्त वे मात्र 26 वर्ष के थे। धोनी ने अब खुलासा करते हुए बताया कि उन्हें उस वक्त कप्तानी क्यों सौंपी गई होगी। उन्होंने कहा, जब मुझे कप्तान नियुक्त किया गया, मैं उस चर्चा में शामिल नहीं था। मुझे लगता है कि खेल के प्रति मेरी समझ और मेरी इमानदारी की वजह से मुझे यह दायित्व सौंपा गया। ‘द प्रिंट’ की रिपोर्ट के अनुसार, मैं भले ही उस वक्त युवा खिलाड़ी था, लेकिन जब भी मुझसे खेल के बारे में पूछा जाता था
मैं बेहिचक अपनी राय प्रकट करता था। खेल को समझना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसके अलावा उस वक्त मेरे टीम के अन्य सदस्यों से संबंध भी बहुत अच्छे थे।
धोनी ने 199 वनडे में टीम इंडिया की कमान संभाली जिनमें से भारत ने 110 मैच जीते। धोनी के अनुसार मुंबई में 2011 विश्व कप जीतना उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ क्षण था। उन्होंने कहा, मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में घरेलू दर्शकों के सामने विश्व कप जीतना अलग ही अनुभव था। मैच खत्म होने के चार-पांच ओवर पहले ही सब जान चुके थे हम मैच जीतने वाले हैं और दर्शकों ने वंदे मातरम तथा देशभक्ति के गीत गाने शुरू कर दिए थे। वैसा वातावरण उसके पहले कभी बना नहीं था।