सामूहिक प्रयास से 2030 तक हो सकता है हेपेटाइटिस का खत्माः डॉ. मनसुख मांडविया

asiakhabar.com | July 28, 2023 | 1:14 pm IST

नई दिल्ली। विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर शुक्रवार को संसद परिसर में जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर केन्द्रीय स्वास्थ्यमंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, आईएलबीएस के निदेशक डॉ. सरीन सहित कई विशेषज्ञ मौजूद रहे।
इस मौके पर डॉ. मांडविया ने कहा कि हेपेटाइटिस एक रोकथाम योग्य और उपचार योग्य बीमारी है। सामूहिक प्रयास से हम 2030 तक इस घातक बीमारी को खत्म कर देंगे। उन्होंने आह्वान किया कि देश को हेपेटाइटिस मुक्त भारत बनाने के लिए लोगों को साथ आना चाहिए और इसे जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि देश में लिवर संबंधित बीमारियों से 4-5 करोड़ लोग पीड़ित हैं, इसके इलाज के लिए 700 से अधिक अस्पतालों में सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि लिवर रोग के बारे में लोगों में जागरूकता बेहद जरूरी है। स्वास्थ्य के प्रति लोगों में जागरूकता जरूरी है।
क्या है हेपेटाइटिसः हेपेटाइटिस इतनी खतरनाक बीमारी है कि अगर समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह शरीर के हर अंग को प्रभावित करती है। यह एक संक्रामक बीमारी है, जो लिवर को प्रभावित करता है। लिवर में सूजन ही हेपेटाइटिस का कारण बनता है। कई दूसरे कारणों से भी यह रोग शरीर में लग सकता है। इसकी चपेट में आने के बाद किसी व्यक्ति की सेहत और जीवन काफी समस्याओं से भर सकता है। हेपेटाइटिस के कई प्रकार हैं जिसमें हेपेटाइटिस बी, सी शामिल है।
क्यों मनाया जाता है हेपेटाइटिस दिवसः नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक डॉ बारूक ब्लमबर्ग ने हेपेटाइटिस बी वायरस की खोज करने के बाद इस वायरस के इलाज के लिए डायगोनस्टिक टेस्ट और वैक्सीन का भी विकास किया गया। डॉ ब्लमबर्ग के इस खोज के सम्मान में उनके जन्म दिवस 28 जुलाई को वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे मनाया जाता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की ओर से वर्ष 2008 में पहली बार वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे को मनाया गया।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *