अन्य मौसमों के मुकाबले मानसून में हमारी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। बारिश के मौसम में अकसर जुकाम, बुखार सहित कई दूसरे तरह के इंफेक्शन हमें अपनी गिरफ्त में लेने लगते हैं। उमस और गर्मी, तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण इस मौसम में मेटाबॉलिज्म भी सही तरीके से काम नहीं करता है। इतना ही नहीं, पाचन क्रिया के कमजोर हो जाने के कारण गैस, अपच, भूख न लगने की समस्याएं भी खूब परेशान करती हैं। इसलिए इन दिनों अपनी डाइट को लेकर सावधानी बरतना जरूरी है। आइए जानते हैं, इन दिनों क्या खाया जाए और क्या नहीं? साथ ही किस तरह की सावधानी बरतें, ताकि हम इंफेक्शन से बचे रहें?
डाइट
इस दौरान अपनी डाइट को लेकर काफी सावधानी बरतने की जरूरत होती है। मानसून में मेटाबॉलिज्म रेट धीमा होता है, इसलिए खाना हजम होने में अधिक समय लगता है। इसलिए इन दिनों ज्यादा मात्रा में खाने से बचना चाहिए। साथ ही हल्का और कम कैलोरी वाली डाइट लेनी चाहिए। डाइट ऐसी हो, जो विटामिन और मिनरल्स से भरपूर हो।
बेहतर होगा कि इन दिनों संतुलित पौष्टिक नाश्ता और दोपहर-रात में हल्का खाना लें, ताकि पेट में भारीपन न महसूस हो। हल्के खाने के तौर पर उपमा, पोहा, डोसा, इडली और ढोकला खा सकते हैं। इस सीजन में मूंग की दाल खाना बेहतर होता है। यह पचने में आसान होता है। लहसुन, काली मिर्च, अदरक, हींग, जीरा पावडर, हल्दी और धनिया का सेवन भी इस मौसम में उपयुक्त रहता है। इनके सेवन से पाचन सुधरता है और प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है। इन दिनों गरिष्ठ और तरल खाद्य लेने की बजाय सूखे और हल्के आहार लें। इससे आप बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचे रहेंगे। नॉन-वेज खाने वालों को इन दिनों मसालेदार करी की बजाय मीट को उबालकर पकाना चाहिए और इसका सूप लेना चाहिए। नॉन-वेज आइटम्स को अच्छी तरह पकाकर ही खाएं। हाफ ब्वॉयल्ड नॉन-वेज आइटम्स और एग खाने से इन दिनों बचें। क्योंकि ऐसा करना फूड प्वॉयजनिंग का कारण बन सकता है।
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लिक्विड डाइट
इन दिनों जल जनित बीमारियों के होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है, इससे बचने के लिए हमेशा उबला हुआ और फिल्टर किया हुआ पानी ही पिएं। उबाले हुए पानी को भी चैबीस घंटे के बाद न पिएं। इस मौसम में उमस होने के कारण पसीना ज्यादा निकलता है, इसलिए लिक्विड ज्यादा लें। इसके लिए छाछ, सूप आदि का सेवन बेहतर रहता है। रोजाना ग्रीन टी, हर्बल टी, अदरक या पुदीने वाली चाय पिएं। इससे आप कोल्ड से बचे रहेंगे और आपका खाना भी आसानी से पच जाएगा। आप चाहें तो सूखी अदरक पावडर की चाय भी पी सकते हैं। जब बारिश हो रही हो तो जूस पीने से बचें, खासकर बाजार में बिकने वाले जूस। अगर आप जूस पीना चाहते हैं तो घर का निकाला हुआ ताजा जूस पिएं।
इन्हें भी करें शामिल
इस मौसम में इंफेक्शन बहुत जल्द होता है, इसलिए इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा मौसमी सब्जियां, साबुत फल और एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन ई, सेलेनियम और विटामिन बी12 युक्त फल-सब्जियों का सेवन करें। इस मौसम में पत्तेदार सब्जियों की बजाय तोरी, लौकी, परवल, रतालू, जिमीकंद, अरबी, ग्वार की फली, टिंडा और करेले का सेवन फायदेमंद रहता है। ये सब्जियां हल्की और सुपाच्य होती हैं। जहां तक फल की बात है तो इन दिनों मौसमी फल जैसे अनार, आम, केला, सेब, लीची और चेरी का सेवन लाभ पहुंचाता है। इसलिए इन दिनों मौसमी फल ही खाएं।
सफाई का रखें पूरा ख्याल
इस मौसम में साफ-सफाई की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। इसलिए फल और सब्जियों को अच्छी तरह धोकर ही खाएं। खासकर पत्तेदार सब्जियां और फूल गोभी की सफाई को लेकर विशेष सावधानी बरतें। इन सब्जियों में अकसर न सिर्फ कीड़े होते हैं, बल्कि इनमें धूल भी चिपकी होती है। इनकी सफाई में जरा सी भी कमी रहने पर इंफेक्शन हो सकता है। सब्जियों को धोने के बाद उन्हें अच्छी तरह पकाना भी जरूरी है। अधपका या कच्चा खाना नुकसान पहुंचा सकता है। इस मौसम में हमेशा ताजा पका खाना ही खाएं। लेकिन अगर पहले का बना खाना है या आप उसे बाजार से लेकर आए हैं, तो उसे गर्म करने के बाद ही खाएं।
रखें ध्यान:-
-ट्रैवलिंग के दौरान भूख लगने पर बाहर की चीजें खाने की बजाय भुने हुए चने, घर की बनी चिक्की, लड्डू या साबुत फल खाएं।
-बहुत ज्यादा सब्जी एक बार न खरीदें। रोज के रोज ताजी सब्जियां खरीदें।
-इन दिनों सी फूड जैसे मछली, प्रॉन, क्रैब न खाएं। इनके खाने से पेट में इंफेक्शन और फूड प्वॉयजनिंग का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसलिए बारिश के मौसम में वेजिटेरियन डाइट ही प्रेफर करें।
-कटी हुई सब्जियां-फल बाजार से न खरीदें।
-सड़क किनारे बिकने वाले चाट-पकौड़े, जूस आदि के सेवन से बचें।
-घर से बाहर खाते हुए किसी अच्छे रेस्टोरेंट में खाएं, जहां पूरी साफ-सफाई हो। इन बातों का ध्यान नहीं रखने पर आप वायरल फीवर, डायरिया और दूसरी जल जनित बीमारियों का शिकार हो सकते हैं।
-इन दिनों खुले में कटे रखे फल के सेवन से परहेज करें। इन फलों की तरफ मक्खियां आकर्षित होती हैं, जिससे आपको इंफेक्शन हो सकता है।
-बहुत ज्यादा नमक और हैवी फूड से परहेज करें। इनसे सूजन होती है और हमारा शरीर ज्यादा पानी की मांग करता है। नमक का ज्यादा सेवन बीपी बढ़ने के लिए भी जिम्मेदार होता है।
-कच्ची चीजें और सलाद खाने से बचें।
-बारिश के मौसम में बासी मशरूम और बासी अंकुरित अनाज खाने से बचें, नहीं तो फूड प्वॉयजनिंग हो सकती है।
-खाने की वस्तुओं को थोड़-थोड़े अंतराल पर बार-बार गर्म न करें।