आलोक अराधे ने तेलंगाना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में ली शपथ

asiakhabar.com | July 23, 2023 | 6:44 pm IST
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हैदराबाद। न्यायमूर्ति आलोक अराधे ने रविवार को यहां राजभवन में आयोजित एक समारोह में तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सौंदरराजन ने न्यायमूर्ति आलोक अराधे को पद की शपथ दिलाई। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के चंदशेखर राव, मुख्य सचिव शांति कुमारी, डीजीपी अंजनी कुमार और अन्य लोग शामिल हुए।
हाल ही में, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश आलोक अराधे को तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने का आदेश जारी किया है। न्यायमूर्ति आलोक अराधे का जन्म 13 अप्रैल, 1964 को रायपुर में हुआ था। उनके पास बी.एससी और एलएलबी की डिग्री है तथा 12 जुलाई, 1988 को एक वकील के रूप में नामांकित हुए थे। उन्हें अप्रैल 2007 में एक वरिष्ठ वकील के रूप में नामित किया गया था।
उन्होंने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश स्वर्गीय न्यायमूर्ति जी.पी.सिंह के साथ एम.पी.जैन और एस.एन.जैन द्वारा प्रशासनिक कानून के सिद्धांतों के 5 वें और 6 वें संस्करण को संशोधित किया। उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर न्यायिक अधिकारियों को संबोधित करने के लिए न्यायिक अधिकारी प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान में विजिटिंग फैकल्टी के रूप में भी कार्य किया।
अपने प्रैक्टिस के दौरान उन्होंने जबलपुर में मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय में सिविल और संवैधानिक, मध्यस्थता और कंपनी मामलों को संभाला। न्यायमूर्ति आलोक अराधे को 29 दिसंबर, 2009 को मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था और 15 फरवरी, 2011 को स्थायी न्यायाधीश बन गए।
बाद में उन्हें 16 सितंबर, 2016 को जम्मू-कश्मीर के उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया और 20 सितंबर को पद की शपथ ली। उन्हें सात जून, 2017 के उच्च न्यायालय के आदेश संख्या 378 के तहत जम्मू-कश्मीर राज्य न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया था। न्यायमूर्ति अराधे को 11 मई, 2018 से 10 अगस्त, 2018 तक उन्हें जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी नियुक्त किया गया। बाद में उन्हें चार सितंबर, 2018 को जम्मू-कश्मीर राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया।
कर्नाटक उच्च न्यायालय में स्थानांतरण पर उन्होंने 17 नवंबर, 2018 को कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली और तीन जुलाई को कर्नाटक उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला।


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