अगरतला। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने शनिवार को बंगलादेश से लगने वाली 856 किमी लंबी सीमा पर राज्य के 75 गांवों का नाम बदलकर देश के स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखने के मिशन की शुरुआत की।
श्री साहा ने आज दक्षिण त्रिपुरा के सबरूम में सीमावर्ती गांव का नाम बदलने के मिशन ‘75 सीमांत ग्राम क्रांति वीरो के नाम’ का शुभारंभ किया। उन्होंने देश के स्वतंत्रता आंदोलन के भूले हुए नायकों को याद करने में सक्षम बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, “देश अब उन गुमनाम नायकों को याद कर रहा है जिन्हें पहले उनके महत्वपूर्ण योगदान के बावजूद नजरअंदाज कर दिया गया था। हमने सुशासन सुनिश्चित करने के लिए हर परिवार तक पहुंचने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया और पिछले वर्ष 15 अगस्त को हमने लोगों को आजादी के मूल्य के प्रति जागरूक करने को लेकर हर घर में राष्ट्रीय तिरंगे को फहराये जाने के लिए ‘हर घर तिरंगा’ भी चलाया था।”
उन्होंने कहा कि त्रिपुरा बंगलादेश के साथ एक अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है और राज्य सरकार ने यहां के 75 गांवों का चयन देश के स्वतंत्रता आंदोलन पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कराये जाने को लेकर किया है। जिसकी शुरुआत 12 मार्च 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की थी।
देश की आजादी में स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद करने का कार्यक्रम इस साल 15 अगस्त तक पूरा कर लिया जायेगा। सीमावर्ती गाँव सभी आठ जिलों में फैले हुए हैं और प्रशासन ने पहले ही राज्य के स्वतंत्रता सेनानियों और देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान की एक सूची तैयार कर ली है।
उन्होंने कहा कि चिन्हित गांवों में केंद्र और राज्य द्वारा प्रायोजित सभी योजनाओं का शत-प्रतिशत कार्यान्वयन भी सुनिश्चित करेगी, जिसके लिए केंद्र सरकार ने 3.13 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।